कानपुर: महानगर के बर्रा इलाके के पैथोलॉजी में लैब टेक्नीशियन का काम करने वाले संजीत यादव अपहरण कांड में अब तक की सबसे बड़ी बात सामने आई है. कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने खुलासा करते हुए बताया कि संजीत यादव का मर्डर हो गया है. गुरुवार सुबह से ही पुलिस अपहृत युवक की हत्या किए जाने की आशंका जता रही थी. वहीं इसकी खबर सुनकर परिजन आत्मदाह करने की बात कह रहे हैं. पीड़ित परिवार को गोविंद नगर थाना लाया गया है, जहां पीड़ित परिवार से बातचीत जारी है.
इस मामले में जांच में लारवाही बरतने के कारण पुलिस अधीक्षक ने पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार, उप निरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, आरक्षित दिशु भारती, आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षित सौरभ पांडे, आरक्षी मनीष व आरक्षी शिवप्रताप को निलंबित कर दिया है. शासन द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है. अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू लखनऊ वीपी सिंह को कानपुर नगर पहुचंकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.
संजीत यादव अपहरण कांड में कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने देर रात एक वीडियो जारी करते हुए इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया. एसएसपी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने 26 से 27 जून के बीच में संजीत यादव का मर्डर किया है. इसकी आशंका गुरुवार सुबह से ही जताई जा रही थी. पुलिस पीड़ित परिवार को सुबह से ही मामले का खुलासा करने की बात कह रही थी. एसएसपी ने बताया कि कई टीमें गठित की गई थी. 29 जून को फिरौती की मांग की गई थी. मृतक के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक 26 से 27 जून के बीच ही मर्डर किया गया था और शव को नदी में फेंक दिया गया था.
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यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने दो अपहरणकर्ताओं को हिरासत में ले रखा है. बर्रा पुलिस फोर्स गुरुवार देर रात पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची, जिसको देखने के बाद पूरा मोहल्ला उतरा सड़कों पर उतर आया था. लोगों ने शोर शराबा करते हुआ पुलिस प्रशासन और प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे थे. इस दौरान संजीत की मां और बहन दोनों बेहोश भी हो गए. देर रात पीड़ित परिवार को गोविंद नगर थाना लाया गया है, जहां पीड़ित परिवार से बातचीत जारी है. अपहरण के 31 दिन बाद पुलिस ने हत्या का खुलासा किया है.
क्या है पूरा मामला
जिले के बर्रा थाने क्षेत्र में हुए अपहरण मामले में 31 दिन बाद मौत का खुलासा किया गया. दरअसल, बर्रा थाना पुलिस को गुमराह कर शातिर अपहरणकर्ता फिरौती के 30 लाख रुपये लेकर फरार हो गए और युवक को भी नहीं छोड़ा. 22 जून को पैथोलॉजी में कार्यरत संजीत यादव का घर आते समय अपहरण हो गया था, जिसके बाद संजीत को छोड़ने के लिए परिजनों को फिरौती की रकम के साथ कानपुर के गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था. परिजन जब फ्लाईओवर पर पहुंचे तो पुलिस भी उनके पीछे-पीछे अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए गई थी. अपहरणकर्ता के कहने पर परिजनों ने पैसे से भरे बैग को फ्लाईओवर के नीचे फेंक दिया और वह पैसे लेकर फरार हो गए और पुलिस उन्हें नहीं पकड़ सकी. इसी मामले में पुलिस ने संजी के मौत का खुलासा किया है. पुलिस मामले की कार्रवाई कर रही है. वहीं संजीत के परिजन गुरुवार सुबह से ही आत्मदाह करने की बात कर रहे हैं.
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे सपा विधायक
आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई और सीसामऊ विधायक इरफान सोलंकी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. सपा विधायकों ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है, वहीं ऐसा ना होने पर विधायकों ने पीड़ित परिवार के साथ धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी.