कानपुर : बुधवार को स्मृति दिवस के मौके पर बिठूर पुलिस ने बिकरू काण्ड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को सलामी दी और पुष्प अर्पित किए. पुष्प अर्पित करते समय सभी लोगों के आंखों से आंसू छलक उठे. बिकरू काण्ड में घायल बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बिकरू में पुलिसकर्मी एक दूसरे की जान बचाते हुए शहीद हो गए. वह खुद भी घायल सिपाहियों को गोद में लाते समय अपराधियों की गोली का शिकार हुए थे, लेकिन अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने एक सिपाही की जान बचाई थी.
बिकरू कांड में चौकी प्रभारी अनूप सिंह भी शहीद हुए थे. शहीद अनूप सिंह कौशलेंद्र प्रताप सिंह के करीबी और भरोसेमंद थे. उनके बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि हमेशा भाई की तरह रहने वाला ईमानदार कर्मठ सील दरोगा बिकरू कांड में शहीद हो गया. उस मंजर को शायद ही कभी भूला जा सके.
स्मृति दिवस के अवसर पर थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने भी शहीदों की फोटो पर पुष्प अर्पित करते उन्हें सलामी दी. डीआईजी डॉ. प्रतिंदर सिंह ने कहा कि बिकरू कांड में पुलिसकर्मियों के शहीद होने का सभी को अफसोस है. देश ने जाबांज और ईमानदार पुलिसकर्मियों को खोया है.
बता दें कि बीती दो-तीन जुलाई को गैंग्स्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए कानपुर पुलिस चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव गई थी. इस दौरान पहले से ही घात लगाए बैठे विकास और उसके साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान बिल्हौर थाने के सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
शहीद पुलिसकर्मियों के नाम
बिकरू कांड में सीओ देवेंद्र मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह, सब-इंस्पेक्टर महेश कुमार यादव, सब-इंस्पेक्टर नेबूलाल, सिपाही जितेन्द्र कुमार पाल, सुल्तान सिंह, राहुल कुमार और बबलू कुमार शहीद हुए थे.