ETV Bharat / state

बिकरू कांड की बरसी...क्या 'खता' हुई जो भूल गए साथियों की शहादत

author img

By

Published : Jul 4, 2021, 4:23 AM IST

कानपुर के विख्यात बिकरू कांड की 2/3 जुलाई को बरसी थी. बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों को विभागीय उपेक्षा मिली. यानी कानपुर पुलिस ने शहीदों की मृत आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा तक आयोजित नहीं की.

बिकरू कांड के एक बरस.
बिकरू कांड के एक बरस.

कानपुर : एक साल पूर्व 2/3 जुलाई 2020 की आधी रात बिकरू गांव (Bikru kand) में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas dubey) और उसके गुर्गों ने डीएसपी, एसओ समेत 8 पुलिस कर्मियों पर गोलियों की बौछार कर हत्या (Murder of policemen) कर दी थी.

बिकरू कांड के एक बरस.
बिकरू कांड के एक बरस.

हालांकि, पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को अलग-अलग एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) में ढेर कर दिया था. लेकिन घटना की बरसी पर कानपुर पुलिस का रवैया शहीदों के प्रति असंवेदनशील रहा. कानून की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले जाबाजों की शहादत पर कानपुर पुलिस ने श्रद्धांजलि तक देना उचित नहीं समझा.

बिकरू कांड के एक बरस.
बिकरू कांड के एक बरस.

शहीद पुलिस कर्मियों को नहीं दी गई श्रद्धांजलि

बिकरू कांड के उस भयानक मंजर के एक साल पूरे हो गए हैं. 3 जुलाई के दिन भर मीडियाकर्मी शहीद पुलिस कर्मियों की याद में श्रद्धांजलि की खबरें खोजते रहे, लेकिन पूरे कानपुर शहर व देहात क्षेत्र में शहीद पुलिस कर्मियों की मृत आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित नहीं मिली.

ये पूरे पुलिस महकमे के लिए शर्म की बात है जो अपने ही विभाग के जाबाज सिपाहियों की शहादत को भूल गए. इस कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों की आत्माएं भी पूरे पुलिस महकमे से सवाल पूछ रहीं होंगी कि आखिर कौन सी खता हो गई जो हमारा विभाग ही हमें भूल गया.

बिकरू कांड के एक बरस.

इसे भी पढ़ें-बिकरू कांड के 1 सालः कभी आतंक का गवाह रहे इस गांव में अब है अमन और शांति

हालांकि, एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने एक छोटा सा कार्यक्रम कर आयोजित कर शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन सवाल उठता है कि लखनऊ से लेकर कानपुर तक एक भी अधिकारी या सरकार के मंत्री ने जाबाजों को याद नहीं किया.

इसे भी पढ़ें-बिकरू कांड: खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

श्रद्धांजलि और मौन रखा गया

एसीपी त्रिपुरारी पांडेय ने बताया बीते एक साल पहले 2/3 जुलाई की रात में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग से लोहा लेते हुए हमारे सीओ देवेन्द्र मिश्रा सहित 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. घटना के एक साल पूरे होने पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर 2 मिनट का मौन रखा गया है. साथ ही सभी पुलिस कर्मियों को सचेत किया गया है कि दबिश में जाते वक्त सचेत रहें. सुरक्षित रहकर अपराधियों को बेनकाब करें.

कानपुर : एक साल पूर्व 2/3 जुलाई 2020 की आधी रात बिकरू गांव (Bikru kand) में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas dubey) और उसके गुर्गों ने डीएसपी, एसओ समेत 8 पुलिस कर्मियों पर गोलियों की बौछार कर हत्या (Murder of policemen) कर दी थी.

बिकरू कांड के एक बरस.
बिकरू कांड के एक बरस.

हालांकि, पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को अलग-अलग एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) में ढेर कर दिया था. लेकिन घटना की बरसी पर कानपुर पुलिस का रवैया शहीदों के प्रति असंवेदनशील रहा. कानून की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले जाबाजों की शहादत पर कानपुर पुलिस ने श्रद्धांजलि तक देना उचित नहीं समझा.

बिकरू कांड के एक बरस.
बिकरू कांड के एक बरस.

शहीद पुलिस कर्मियों को नहीं दी गई श्रद्धांजलि

बिकरू कांड के उस भयानक मंजर के एक साल पूरे हो गए हैं. 3 जुलाई के दिन भर मीडियाकर्मी शहीद पुलिस कर्मियों की याद में श्रद्धांजलि की खबरें खोजते रहे, लेकिन पूरे कानपुर शहर व देहात क्षेत्र में शहीद पुलिस कर्मियों की मृत आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित नहीं मिली.

ये पूरे पुलिस महकमे के लिए शर्म की बात है जो अपने ही विभाग के जाबाज सिपाहियों की शहादत को भूल गए. इस कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों की आत्माएं भी पूरे पुलिस महकमे से सवाल पूछ रहीं होंगी कि आखिर कौन सी खता हो गई जो हमारा विभाग ही हमें भूल गया.

बिकरू कांड के एक बरस.

इसे भी पढ़ें-बिकरू कांड के 1 सालः कभी आतंक का गवाह रहे इस गांव में अब है अमन और शांति

हालांकि, एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने एक छोटा सा कार्यक्रम कर आयोजित कर शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन सवाल उठता है कि लखनऊ से लेकर कानपुर तक एक भी अधिकारी या सरकार के मंत्री ने जाबाजों को याद नहीं किया.

इसे भी पढ़ें-बिकरू कांड: खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

श्रद्धांजलि और मौन रखा गया

एसीपी त्रिपुरारी पांडेय ने बताया बीते एक साल पहले 2/3 जुलाई की रात में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग से लोहा लेते हुए हमारे सीओ देवेन्द्र मिश्रा सहित 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. घटना के एक साल पूरे होने पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर 2 मिनट का मौन रखा गया है. साथ ही सभी पुलिस कर्मियों को सचेत किया गया है कि दबिश में जाते वक्त सचेत रहें. सुरक्षित रहकर अपराधियों को बेनकाब करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.