कानपुर: बजरंगी उर्फ वीरू मौर्य के हत्याकांड का मास्टरमाइंड राजू अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह जिले में पहले भी भाड़े के हत्यारों से हत्याएं करा चुका है. बाबूपुरवा के वीरू मौर्या की बिधनू में हुई हत्या के मामले में पुलिस मारपीट के बिंदु की जांच कर रही थी. पुलिस की जांच में पूरा मामला सामने आ गया. पुलिस के मुताबिक राजू गर्ग स्क्रैप और जमीनों की खरीद-फरोख्त करता है. वह खुद को मुख्तार अंसारी का खास बताकर शहर में वसूली करता था. साथ ही वह खुद को मुन्ना बजरंगी गैंग का कर्ता-धर्ता भी बताता है.
डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि बीती 29 दिसंबर को बिधनू थाना क्षेत्र अंतर्गत बजरंगी उर्फ वीरू मौर्या से कुछ लोगों ने मारपीट की थी. स्थानीय लोगों द्वारा बजरंगी उर्फ वीरू को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. पुलिस इस पूरे मामले में मारपीट के एंगल से जांच कर रही थी. एडीसीपी अंकिता शर्मा की अगुवाई में स्वाट टीम, थाना पुलिस, और सर्विलांस की टीम ने मिलकर काम किया.जांच में दो नाम सामने आए जिन्होंने मृतक के साथ मारपीट की थी. इनमें दीपक कनौजिया और पंकज सविता उर्फ योगेश के नाम शामिल हैं. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. जब दोनों से पुलिस ने पूछताछ की तो इस मामले के मास्टरमाइंड राजू कुमार अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग के बारे में पता चला. पुलिस को पता चला कि दोनों को हायर कर राजू गर्ग ने हत्या करवाई थी.
उनके मुताबिक पूरा मामला प्रॉपर्टी के विवाद का था. राजकुमार अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग की दीपक कनौजिया से मुलाकात जेल में हुई थी. इसके बाद दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी. राजू गर्ग द्वारा ही बजरंगी का मर्डर कराया गया. पकड़े गए आरोपी दीपक कनौजिया के ऊपर कुल 17 मुकदमे हैं. उन्नाव पुलिस ने उस पर 15 हज़ार रुपए का इनाम भी रखा है. वहीं, पंकज सविता उर्फ योगेश के ऊपर 15 मुकदमे हैं. वह बिहार और बनारस की जेल में रह चुका है. पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है.