कानपुर: भले ही अभी तक शहर में कई पशुप्रेमी अपने घर पर पिटबुल और रोटविलर प्रजाति के कुत्तों संग रह रहे हों, पर अब कोई इन प्रजातियों के कुत्तों को नहीं पाल सकेगा. यह फैसला नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने किया है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद में जिस तरह से पिटबुल और अन्य विदेशी नस्ल के कुत्तों द्वारा हिंसक घटनाएं सामने आईं, उन्हें देखते हुए उक्त निर्णय लिया गया.
कुछ दिनों पहले नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) की ओर से कुत्तों के पंजीकरण अभियान की शुरुआत हुई थी. पहले दिन ही 352 कुत्तों का पंजीकरण उनके मालिकों द्वारा कराया गया था. इसमें 182 विदेशी नस्ल- जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, ग्रेटडेन आदि अन्य शामिल थे. जबकि 170 देशी नस्ल के कुत्ते थे. वहीं, कुल 276 कुत्तों का पंजीकरण भी कराया गया था. नगर निगम के अफसरों को पंजीकरण के बाद कुल 1,05,400 रुपये राजस्व के रूप में मिले थे. जिसमें विदेशी नस्ल के कुत्तों से 71,400 रुपये राजस्व मिला था.
पिटबुल ने जब गाय पर किया था शेर की तरह हमला: शहर के सरसैया घाट पर करीब एक हफ्ता पहले पिटबुल प्रजाति ने गाय पर हमला किया था. वहां मौजूद लोगों का कहना था कि हमला शेर की तरह था. कई लोगों के छुड़ाने के बावजूद पिटबुल गाय को नहीं छोड़ रहा था और उसने बुरी तरह से गाय को दबोच लिया था. पिटबुल और रोटवीलर प्रजाति के कुत्तों को पालने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर कोई इन प्रजातियों के कुत्तों को पालता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पांच हजार रुपये जुर्माना लगेगा और कुत्ते को जब्त कर लिया जाएगा.
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