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कानपुर: नहीं मिल रहा लोगों को शुद्ध पेयजल, नगर निगम और जलकल के दावे फेल - कानपुर खबर

महानगर में पेयजल की बड़ी समस्या सामने आई है. मगर नगर निगम और जलकल विभाग महानगर में पानी की कोई बड़ी किल्लत नहीं मानता है. मगर इस मुद्दे पर आए दिन विपक्षी नेता भी इसको लेकर प्रदर्शन करते रहते हैं. पेयजल की किल्लत को लेकर आए दिन लोग धरने पर बैठते हैं. कानपुर महानगर में गंगा किनारे बसा होने के बावजूद भी पानी की समस्या होना कहीं न कहीं नगर निगम और जल संस्थान के ऊपर सवाल उठाते हैं, कि आखिर कमी कहां पर है?

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जलकल के दावे हवा हवाई
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Published : Oct 18, 2020, 1:49 PM IST

कानपुर: कानपुर महानगर में पेयजल की एक बड़ी समस्या है. जहां एक तरफ शहर में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर निगम और जलकल विभाग के आंकड़ों में महानगर में पानी की कोई बड़ी समस्या नहीं है. जलकल विभाग का कहना है कि जल्द ही पानी की समस्या शहर में खत्म हो जाएगी. लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा. इस मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो जाना कि वाकई पेयजल की स्थिति महानगर में क्या है, कैसा पानी लोगों को मिल रहा है और कितनी देर पानी लोगों को मिल रहा है.

नगर निगम और जलकल के दावे हवा हवाई

इस पड़ताल में लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि पानी तो आ रहा है लेकिन पानी इतना दूषित है कि पीना छोड़िए, कभी कभार नहाने लायक भी नहीं होता है. पानी इतना बदबूदार है कि कहीं न कहीं बीमारियों को भी दावत दे रहा है. लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा वाटर टैक्स वसूला जाता है, लेकिन जब बात शुध्द पेयजल की करें तो वह उपलब्ध कराने में बहुत पीछे हैं. लोगों का कहना है कि वह काफी दूर चल कर नलों से पानी लाते हैं. लोगों ने बताया कि टंकियों की सालों साल सफाई नहीं होती और कोई भी आला अधिकारी इसपर ध्यान भी नहीं देता है.

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नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल


ईटीवी भारत कानपुर महानगर में पेयजल की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए शहरवासियों से बात की तो शहर वासियों ने बताया कि महानगर में पानी की बड़ी समस्या है. कानपुर के रहने वाले कृष्णा पांडे ने बताया कि उनके इलाके में पानी की सप्लाई तो हो रही है मगर 24 घंटे नहीं हो रही. सुबह-शाम दो घंटे पानी आता है. मगर उनके इलाके में पानी साफ आता है और वह पीने योग्य भी है.

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पानी की टंकियों की नहीं होती है सालों साल सफाई

वहीं ज्यादातर लोगों ने पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए. लोगों का कहना है कि पानी पीने योग्य बिल्कुल नहीं होता है. कानपुर के आवास विकास हंसपुरम के रहने वाले गोली प्रसाद ने बताया कि उनके यहां पानी की बड़ी समस्या है. पेयजल तो सुबह शाम आता है, लेकिन पीने योग्य नहीं रहता. उन्होंने कहा मजबूरी में उनको पीने के पानी के लिए हैंडपंप लगवाना पड़ा है. नगर निगम वाले पानी का टैक्स तो वसूलते हैं, लेकिन पानी नहीं देते हैं. वहीं गीता देवी ने बताया कि उनके इलाके में भी पानी की बड़ी समस्या है. पानी के आने का कोई समय निश्चित नहीं है. साथ ही जो पानी आता है वह पीने लायक तो बिल्कुल नहीं होता. कभी-कभी तो पानी से बदबू आती है.

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नहीं मिल रहा लोगों को शुद्ध पेयजल
30 लाख लोगों को मिल रहा है पानी जल संस्थान की माने तो कानपुर शहर में 30 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. ज्यादातर जगहों पर वाटर लाइनें पड़ चुकी हैं. सभी जगह पानी की व्यवस्था हो रही है. महानगर में जलापूर्ति करने में नगर निगम सक्षम है. जो थोड़ा बहुत शहर, छूट रहा है और वह भी जल्दी पूरा हो जाएगा.517 एमएलडी पानी की है जरूरतकानपुर महानगर में 517 एमएलडी की जरूरत है. जल संस्थान 450 एमएलडी पानी अभी प्रोवाइड करा रहा है. वहीं जल संस्थान के जीएम का कहना है कि गंगा बैराज के प्लांट में काम चल रहा है. जब प्लांट सुचारू रूप से काम करने लगेंगे तो कानपुर महानगर में पानी की कोई समस्या नहीं होगी. इसके साथ ही उनके बाद सरप्लस पानी बचा भी रहेगा.


पानी की टंकियों की नहीं होती है सालों साल सफाई

लोगों का कहना है कि हालांकि पानी तो कई क्षेत्रों में आ रहा है, लेकिन पानी की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाए हैं. लोगों का कहना है कि पानी पीने योग्य बिल्कुल नहीं होता. इसकी मुख्य वजह यह है कि पानी की टंकियों में कभी सफाई नहीं होती. सालों साल टंकियों में कूड़ा करकट जमा होता रहता है. लेकिन उनकी सफाई नहीं होती. यही वजह है कि जो पानी महानगर में लोगों के घर जाता है वह गंदा होता है और उस से बदबू आती है.


जल्द मिलेगा पूरे शहरवासियों को पानी

जलकल विभाग का कहना है कि महानगर में जल्द ही पूरे शहर वासियों को शुद्ध पेयजल मिलेगा. जलकल ने बताया कि नगर निगम और जल निगम तेजी से काम कर रहा है. गंगा बैराज में बने प्लांटों में भी काम जारी है. जल्द ही वहां से भी पानी आने लगेगा. जल्द ही शहर वासियों को भरपूर पानी मिलेगा.

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया है कि जहां एक तरफ नगर निगम और जल संस्थान महानगर में जल आपूर्ति के दावे तो लाखों करते हैं मगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो पेयजल एक बड़ी समस्या है. लोगों को काफी दूर चलकर पानी के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में कहीं न कहीं नगर निगम और जल संस्थान की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं, कि आखिर कब महानगर के वासियों को पेयजल सरलता और समय से उपलब्ध हो पाएगा.

कानपुर: कानपुर महानगर में पेयजल की एक बड़ी समस्या है. जहां एक तरफ शहर में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नगर निगम और जलकल विभाग के आंकड़ों में महानगर में पानी की कोई बड़ी समस्या नहीं है. जलकल विभाग का कहना है कि जल्द ही पानी की समस्या शहर में खत्म हो जाएगी. लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा. इस मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो जाना कि वाकई पेयजल की स्थिति महानगर में क्या है, कैसा पानी लोगों को मिल रहा है और कितनी देर पानी लोगों को मिल रहा है.

नगर निगम और जलकल के दावे हवा हवाई

इस पड़ताल में लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि पानी तो आ रहा है लेकिन पानी इतना दूषित है कि पीना छोड़िए, कभी कभार नहाने लायक भी नहीं होता है. पानी इतना बदबूदार है कि कहीं न कहीं बीमारियों को भी दावत दे रहा है. लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा वाटर टैक्स वसूला जाता है, लेकिन जब बात शुध्द पेयजल की करें तो वह उपलब्ध कराने में बहुत पीछे हैं. लोगों का कहना है कि वह काफी दूर चल कर नलों से पानी लाते हैं. लोगों ने बताया कि टंकियों की सालों साल सफाई नहीं होती और कोई भी आला अधिकारी इसपर ध्यान भी नहीं देता है.

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नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल


ईटीवी भारत कानपुर महानगर में पेयजल की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए शहरवासियों से बात की तो शहर वासियों ने बताया कि महानगर में पानी की बड़ी समस्या है. कानपुर के रहने वाले कृष्णा पांडे ने बताया कि उनके इलाके में पानी की सप्लाई तो हो रही है मगर 24 घंटे नहीं हो रही. सुबह-शाम दो घंटे पानी आता है. मगर उनके इलाके में पानी साफ आता है और वह पीने योग्य भी है.

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पानी की टंकियों की नहीं होती है सालों साल सफाई

वहीं ज्यादातर लोगों ने पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए. लोगों का कहना है कि पानी पीने योग्य बिल्कुल नहीं होता है. कानपुर के आवास विकास हंसपुरम के रहने वाले गोली प्रसाद ने बताया कि उनके यहां पानी की बड़ी समस्या है. पेयजल तो सुबह शाम आता है, लेकिन पीने योग्य नहीं रहता. उन्होंने कहा मजबूरी में उनको पीने के पानी के लिए हैंडपंप लगवाना पड़ा है. नगर निगम वाले पानी का टैक्स तो वसूलते हैं, लेकिन पानी नहीं देते हैं. वहीं गीता देवी ने बताया कि उनके इलाके में भी पानी की बड़ी समस्या है. पानी के आने का कोई समय निश्चित नहीं है. साथ ही जो पानी आता है वह पीने लायक तो बिल्कुल नहीं होता. कभी-कभी तो पानी से बदबू आती है.

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नहीं मिल रहा लोगों को शुद्ध पेयजल
30 लाख लोगों को मिल रहा है पानी जल संस्थान की माने तो कानपुर शहर में 30 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. ज्यादातर जगहों पर वाटर लाइनें पड़ चुकी हैं. सभी जगह पानी की व्यवस्था हो रही है. महानगर में जलापूर्ति करने में नगर निगम सक्षम है. जो थोड़ा बहुत शहर, छूट रहा है और वह भी जल्दी पूरा हो जाएगा.517 एमएलडी पानी की है जरूरतकानपुर महानगर में 517 एमएलडी की जरूरत है. जल संस्थान 450 एमएलडी पानी अभी प्रोवाइड करा रहा है. वहीं जल संस्थान के जीएम का कहना है कि गंगा बैराज के प्लांट में काम चल रहा है. जब प्लांट सुचारू रूप से काम करने लगेंगे तो कानपुर महानगर में पानी की कोई समस्या नहीं होगी. इसके साथ ही उनके बाद सरप्लस पानी बचा भी रहेगा.


पानी की टंकियों की नहीं होती है सालों साल सफाई

लोगों का कहना है कि हालांकि पानी तो कई क्षेत्रों में आ रहा है, लेकिन पानी की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाए हैं. लोगों का कहना है कि पानी पीने योग्य बिल्कुल नहीं होता. इसकी मुख्य वजह यह है कि पानी की टंकियों में कभी सफाई नहीं होती. सालों साल टंकियों में कूड़ा करकट जमा होता रहता है. लेकिन उनकी सफाई नहीं होती. यही वजह है कि जो पानी महानगर में लोगों के घर जाता है वह गंदा होता है और उस से बदबू आती है.


जल्द मिलेगा पूरे शहरवासियों को पानी

जलकल विभाग का कहना है कि महानगर में जल्द ही पूरे शहर वासियों को शुद्ध पेयजल मिलेगा. जलकल ने बताया कि नगर निगम और जल निगम तेजी से काम कर रहा है. गंगा बैराज में बने प्लांटों में भी काम जारी है. जल्द ही वहां से भी पानी आने लगेगा. जल्द ही शहर वासियों को भरपूर पानी मिलेगा.

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया है कि जहां एक तरफ नगर निगम और जल संस्थान महानगर में जल आपूर्ति के दावे तो लाखों करते हैं मगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो पेयजल एक बड़ी समस्या है. लोगों को काफी दूर चलकर पानी के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में कहीं न कहीं नगर निगम और जल संस्थान की कार्यशैली पर सवाल उठते हैं, कि आखिर कब महानगर के वासियों को पेयजल सरलता और समय से उपलब्ध हो पाएगा.

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