कानपुर: जिले में प्रशासन की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल यहां एक किडनी के मरीज को प्रशासन की लापरवाही के कारण 22 किमी बाईक चलाकर डायलिसिस कराने के लिए जिला अस्पताल में जाना पड़ा. डॉक्टरों ने ऐसा करना जानलेवा बताया है.
दरअसल, जिले के गंगाघाट कस्बे में 27 अप्रैल को एक कोरोना पेशेंट मिला था. जिस वजह से डीएम उन्नाव ने पेसेंट के मोहल्ले के साथ पांच लाख की आबादी वाले पूरे कस्बे को सील करवा दिया. नियमों के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव मरीज के मोहल्ले को सील करना था, लेकिन डीएम ने मेन रोड से कानपुर आने वाले दोनों पुल बंद करवा दिए.
बता दें कि शिवशंकर उन्नाव के जिस गंगा घाट कस्बे में रहते हैं उसकी कानपूर से दूरी सिर्फ एक किलोमीटर है. शिवशंकर का घर कोरोना पॉजिटिव पाये गए मरीज से अलग दूसरे इलाके गांधी नगर में है.
मरीज शिव शंकर का कहना है कि उसने कोई साधन के लिए डीएम को कई बार फोन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बता दें कि शिव शंकर की दोनों किडनियां अस्सी प्रतिशत खराब हो चुकी हैं. खुद डाक्टर इसे बहुत गलत और जानलेवा बता रहे हैं. अधिकारियों को मजबूर और लाचार लोगों के साथ गंभीर मरीजों के हालातों का भी ख्याल रखना चाहिए.