कानपुर: जनपद में प्राइवेट अस्पतालों की भरमार है. यहां सैकड़ों अस्पताल ऐसे हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन या बिना मानक के चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग भी अपनी आंखे मूंदे बैठा हुआ है. यही वजह है की इन अस्पतालों में मरीजों की मौतें लगातार हो रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि उनपर मेहरबान बना हुआ है.
जानिए पूरा मामला
जिले के कल्यानपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में बीती रात एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर नहीं है. कंपाउंडर ही डॉक्टर बनकर इलाज़ कर रहा था, जिसकी लापरवाही से ही मौत हुई है.
औरैया जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार ने अपनी बहन के इलाज के लिए कानपुर के कल्यानपुर स्तिथ अभिनव हॉस्पिटल में दो दिन पहले भर्ती करवाया था, जिसका हार्ट का इलाज चल रहा है. जितेंद्र का आरोप है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था, जो उनकी बहन का इलाज कर रहा हो. कंपाउंडर ही यहां डॉक्टर बनकर इलाज कर रहे थे. जितेंद्र ने बताया कि बहन को तकलीफ थी तो हमने स्टाफ से बोला कि इलाज़ सही करें. उन लोगों ने हमको अस्पताल के बाहर निकाल दिया और दो घंटे बाद मेरी बहन की मौत हो गई.
जितेंद्र ने आरोप लगाया है हम लोग कोई शिकायत न कर पाएं इसके लिए हम लोगों को बंधक बना लिया गया. अस्पताल में भर्ती करते समय अस्पताल वालों ने 60 हज़ार रुपये भी जमा करवाए. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.