कानपुरः पूरे कानपुर की तस्वीर अब जल्द ही बदलेगी. नगर निगम और आईआईटी कानपुर मिलकर कूड़े के प्लास्टिक से फर्नीचर तैयार करेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में मंडलायुक्त ने कई मुद्दों पर अहम जानकारियां दी है. इसके साथ ही लोगों को अब जल्द ही जाम से निजात मिलेगी. वहीं रिंग रोड और कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की जर्नी राहगीर एक घंटे से कम समय में कर सकेंगे. यहां गंगा किनारे तैयार होने वाले बोट क्लब का परिवार के साथ लोग आनंद ले सकेंगे. इसके साथ-साथ मेट्रो की अधिक से अधिक यात्रा कर सकेंगे.
शहर के विकास कार्यों और कई अन्य मुद्दों को लेकर कानपुर के कमिश्नर (मंडलायुक्त) डॉक्टर राजशेखर ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने बताया कि अभी तक विधानसभा चुनाव के चलते विकास कार्यों पर ब्रेक लगी थी. हालांकि अब बहुत तेज गति से शहर के विकास कार्य होंगे. उन्होंने बताया कि उक्त मामलों के अलावा आईआईटी कानपुर और नगर निगम के विशेषज्ञ मिलकर कूड़े से निकलने वाली प्लास्टिक से उपयोगी फर्नीचर तैयार कर सकेंगे.
इसके अलावा पार्टीशन वाल का काम भी हो सकेगा. गंगा को दूषित कर रहे सीसामऊ नाला का जो काम बचा और उसके चलते जो गंगा का पानी गंदा हो रहा, उसे भी ठीक कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चकेरी स्थित एयरपोर्ट टर्मिनल विस्तार का काम भी तेजी से चल रहा है, जिससे आने वाले समय में कानपुर के लोगों को और अधिक शहरों की फ्लाइटें मिल सकेंगी.
उद्यमी सरकारी स्कूलों को गोद लेंगे: सरकारी स्कूलों की बदहाली कब सुधरेगी, इस सवाल के जवाब में बताया कि अब शहर व मंडल के सभी जिलों में उद्यमियों को सरकारी स्कूल गोद दे दिए जाएंगे और उद्यमी कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी यानि सीएसआर फंड से उनकी स्थिति को बेहतर करेंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही मंडल के सभी जिलों से उद्ममी आएंगे और उनकी शिक्षकों के साथ बैठक होगी.
40 ई-बसें दिलाएंगी जाम से निजात: कानपुर में यातायात व अतिक्रमण दो ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान अफसर नहीं कर पाते? इस सवाल के जवाब में मंडलायुक्त डॉक्टर राजशेखर ने बताया कि अभी तक शहर में 60 ई-बसें दौड़ रही थीं, अब 40 ई-बसें और आने वाली हैं. इसके अलावा आमजन से यह अपील होगी, कि अधिक से अधिक मेट्रो का उपयोग करें. ताकि शहर में जाम की समस्या से निजात मिल सके.
इस साल की कार्ययोजना में शामिल है श्रमिक कालोनियों का मुद्दा: कानपुर श्रमिकों का शहर है और यहां सालों से श्रमिक कालोनियों का मामला लंबित है, इसका समाधान कब तक होगा? इस सवाल के जवाब में बताया कि इस साल की कार्ययोजना में श्रमिक कालोनियों का मुद्दा शामिल है. सर्वे कराने के बाद इस मामले का प्रस्ताव शासन में भेजा जाएगा. उसके बाद शासन स्तर से फैसला लिया जाएगा.
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सुधार एक सतत प्रक्रिया है: प्रशासनिक अफसरों के कामकाज में कितना सुधार जरूरी है? इस सवाल के जवाब में बताया कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है. सकारात्मक सोच व टीम भावना के साथ समय से सभी कार्यों को कराना हमारी प्राथमिकता है और इसी दिशा में लगातार कवायद जारी रहती है.