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दुबई, अमेरिका में कानपुर के चमड़ा उत्पादों को पहचान दिलाने वाले इरशाद मिर्जा नहीं रहे - लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा

कानपुर में पदमश्री से सम्मानित लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा नहीं रहे. शहर के एक निजी अस्पताल में ली अंतिम सांस. 89 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ.

कारोबारी इरशाद मिर्जा
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Published : Dec 4, 2022, 5:18 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 7:21 PM IST

कानपुर: पदम् श्री से सम्मानित लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा नहीं रहे. उनका कारोबार शहर से लेकर दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में फैला था. अपने शानदार काम के लिए इरशाद मिर्जा को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका था. कॉउन्सिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के पूर्व चेयरमैन मुख़्तारुल अमीन ने इरशाद मिर्जा के निधन कि पुष्टि की. उन्होंने बताया की शहर के चमड़ा कारोबार को पहचान दिलाने में इरशाद मिर्जा ने अहम भूमिका निभाई थी. हमेशा से ही उन्होंने चमड़ा कारोबारियों के हक क़ी लड़ाई सबसे आगे रहकर लड़ी. सभी कारोबारियों के लिए वह एक प्रेरणास्रोत थे. उन्होंने कानपुर में टेनरियों के संचालन को लेकर सरकार के सामने हमेशा पूरी मजबूती से अपनी बातें रखीं. वहीं शहर में उनकी फर्म मिर्जा इंटरनेशनल क़ी अपनी एक अलग पहचान रही है.

दुबई, अमेरिका, कनाडा समेत कई अन्य देशों में कानपुर के चमड़ा उत्पादों को पहचान दिलाने वाले लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा ने 89 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. पिछले कुछ दिनों से इरशाद मिर्जा बहुत अधिक बीमार चल रहे थे. ऐसे में स्वजनों ने उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया था. हालांकि, रविवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. इरशाद मिर्जा के निधन की पुष्टि उनके बड़े बेटे राशिद मिर्जा ने की. राशिद ने बताया कि इरशाद मिर्जा को इण्डिया की लेदर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए जाना जाता था. इसीलिए सरकार ने उन्हें पदम्श्री समेत कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित भी किया था. उन्होंने चमड़ा उद्योग को देश ही नहीं, विश्व पटल पर एक मुकाम तक पहुंचाया. उनके निधन की जानकारी मिलते ही शहर के कई विशिष्ट जनों ने उनके स्वजनों के पास पहुंचकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.



करीब 40 साल पहले मिर्जा इंटरनेशनल को शुरू किया था: वैसे तो शहर में हज़ारों की संख्या में टेनरियों का संचालन होता है, हालांकि इरशाद मिर्जा वाली मिर्जा इंटरनेशनल की गिनती सबसे अलग होती थी. कॉउन्सिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सी एल ई) के पूर्व चेयरमेन मुख़्तारुल अमीन ने बताया की इरशाद मिर्जा ने कानपुर की लेदर इंडस्ट्री को तैयार किया. उन्होंने हमेशा से ही लेदर कारोबारियों के हक की लड़ाई सबसे आगे आकर लड़ी. शहर में टेनरियों के संचालन सम्बन्धी मामले पर उन्होंने सरकार के समक्ष पूरी मजबूती से सभी का पक्ष रखा. उनके निधन की सूचना मिलने पर लेदर कारोबारियों के बीच शोक छा गया. बोले हम सभी कारोबारियों के लिए वह एक प्रेरणास्रोत थे.

यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कानपुर के कारोबारियों को दिया निर्यात का मौका, इम्मपोर्ट ड्यूटी पर भी छूट

कानपुर: पदम् श्री से सम्मानित लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा नहीं रहे. उनका कारोबार शहर से लेकर दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में फैला था. अपने शानदार काम के लिए इरशाद मिर्जा को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका था. कॉउन्सिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के पूर्व चेयरमैन मुख़्तारुल अमीन ने इरशाद मिर्जा के निधन कि पुष्टि की. उन्होंने बताया की शहर के चमड़ा कारोबार को पहचान दिलाने में इरशाद मिर्जा ने अहम भूमिका निभाई थी. हमेशा से ही उन्होंने चमड़ा कारोबारियों के हक क़ी लड़ाई सबसे आगे रहकर लड़ी. सभी कारोबारियों के लिए वह एक प्रेरणास्रोत थे. उन्होंने कानपुर में टेनरियों के संचालन को लेकर सरकार के सामने हमेशा पूरी मजबूती से अपनी बातें रखीं. वहीं शहर में उनकी फर्म मिर्जा इंटरनेशनल क़ी अपनी एक अलग पहचान रही है.

दुबई, अमेरिका, कनाडा समेत कई अन्य देशों में कानपुर के चमड़ा उत्पादों को पहचान दिलाने वाले लेदर कारोबारी इरशाद मिर्जा ने 89 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. पिछले कुछ दिनों से इरशाद मिर्जा बहुत अधिक बीमार चल रहे थे. ऐसे में स्वजनों ने उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया था. हालांकि, रविवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. इरशाद मिर्जा के निधन की पुष्टि उनके बड़े बेटे राशिद मिर्जा ने की. राशिद ने बताया कि इरशाद मिर्जा को इण्डिया की लेदर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए जाना जाता था. इसीलिए सरकार ने उन्हें पदम्श्री समेत कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित भी किया था. उन्होंने चमड़ा उद्योग को देश ही नहीं, विश्व पटल पर एक मुकाम तक पहुंचाया. उनके निधन की जानकारी मिलते ही शहर के कई विशिष्ट जनों ने उनके स्वजनों के पास पहुंचकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की.



करीब 40 साल पहले मिर्जा इंटरनेशनल को शुरू किया था: वैसे तो शहर में हज़ारों की संख्या में टेनरियों का संचालन होता है, हालांकि इरशाद मिर्जा वाली मिर्जा इंटरनेशनल की गिनती सबसे अलग होती थी. कॉउन्सिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सी एल ई) के पूर्व चेयरमेन मुख़्तारुल अमीन ने बताया की इरशाद मिर्जा ने कानपुर की लेदर इंडस्ट्री को तैयार किया. उन्होंने हमेशा से ही लेदर कारोबारियों के हक की लड़ाई सबसे आगे आकर लड़ी. शहर में टेनरियों के संचालन सम्बन्धी मामले पर उन्होंने सरकार के समक्ष पूरी मजबूती से सभी का पक्ष रखा. उनके निधन की सूचना मिलने पर लेदर कारोबारियों के बीच शोक छा गया. बोले हम सभी कारोबारियों के लिए वह एक प्रेरणास्रोत थे.

यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कानपुर के कारोबारियों को दिया निर्यात का मौका, इम्मपोर्ट ड्यूटी पर भी छूट

Last Updated : Dec 4, 2022, 7:21 PM IST
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