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अब्दुल बनने वाले आदित्य को नोएडा का टीचर देता था इस्लाम की ट्रेनिंग

यूपी में धर्मांतरण कराने वाले धर्म के धंधेबाजों के संबंध में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. कानपुर के मूक-बाधिर आदित्य गुप्ता से अब्दुल कादिर बने शख्स के मामले में नया खुलासा हुआ है. जिस विद्यालय में आदित्य पढ़ता था वहां स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देने आया टीचर उसे इस्लाम के बारे में बताता था.

ज्योति बधिर विद्यालय
ज्योति बधिर विद्यालय
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Published : Jun 24, 2021, 9:50 PM IST

कानपुर: यूपी में बड़े स्तर पर धर्मांतरण का खुलासा हो रहा है. इस मामले में धर्मांतरण कराने वाले 2 आरोपी मौलाना उमर गौतम जो कि फतेहपुर का रहने वाला है और जहांगीर की गिरफ्तारी की गई थी. इस गैंग ने कानपुर के मूक-बाधिर आदित्य गुप्ता को अब्दुल कादिर बना दिया है. अब इस मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. एटीएस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस विद्यालय में आदित्य पढ़ता था वहां नोएडा डेफ सोसायटी का एक टीचर स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देने आया था. जो कि क्लास के बाद आदित्य को इस्लाम के बारे में बताता था. वह आदित्य से दूसरे लड़कों भी इस्लाम के बारे में बताने के लिए कहता था.

ट्रेनिंग के लिए राग्यू आलम नाम के शिक्षक ने यहां कई छात्रों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया था. जिसके बाद एटीएस की टीम ने ज्योति बाधिर विद्यालय में पहुंचकर वहां के प्रिंसिपल और मैनेजर से इस संबंध में बात की. एटीएस ने 10 महीने के वोकेशनल कोर्स के दौरान विद्यालय में पढ़ रहे सभी बच्चों की डिटेल मांगी है. विद्यालय के प्रधानाचार्य रामदास पाल से बातचीत में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आदित्य से अब्दुल बनने के बाद 24 साल का मूक बाधिर आदित्य दूसरों को इस्लाम धर्म के लिए धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहा था. ऐसे 2 नाबालिगों के मामले निकल कर सामने आए हैं, जिनमें जब परिजनों ने छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन देखा तो उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य से संपर्क किया और बकायदा आदित्य की शिकायत भी की थी.

जानकारी देते प्रधानाचार्य.

बता दें कि यह दोनों मामले थाने तक भी पहुंचे लेकिन, परिवार ने प्रतिष्ठा के डर से एफआईआर दर्ज नहीं कराई. नोएडा डेफ सोसायटी से भेजा गया राग्यू आलम यहां पर बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहा था. दरअसल विद्यालय वालों को केवल उसके रहने खाने की व्यवस्था करनी थी, उसकी बाकी जिम्मेदारी नोएडा डेफ सोसायटी उठा रही थी.

धर्मांतरण का सर्टिफिकेट.
धर्मांतरण का सर्टिफिकेट.

बता दें कि आदित्य गुप्ता बचपन से ज्योति बाधिर विद्यालय में पढ़ा है. उसकी मां इसी स्कूल में टीचर थीं. आदित्य ने यहां रेगुलर दसवीं तक की शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद उसने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से 12वीं का फॉर्म भरा और ज्योति बाधिर विद्यालय को सेंटर के रूप में चुना था.

कानपुर: यूपी में बड़े स्तर पर धर्मांतरण का खुलासा हो रहा है. इस मामले में धर्मांतरण कराने वाले 2 आरोपी मौलाना उमर गौतम जो कि फतेहपुर का रहने वाला है और जहांगीर की गिरफ्तारी की गई थी. इस गैंग ने कानपुर के मूक-बाधिर आदित्य गुप्ता को अब्दुल कादिर बना दिया है. अब इस मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. एटीएस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिस विद्यालय में आदित्य पढ़ता था वहां नोएडा डेफ सोसायटी का एक टीचर स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देने आया था. जो कि क्लास के बाद आदित्य को इस्लाम के बारे में बताता था. वह आदित्य से दूसरे लड़कों भी इस्लाम के बारे में बताने के लिए कहता था.

ट्रेनिंग के लिए राग्यू आलम नाम के शिक्षक ने यहां कई छात्रों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया था. जिसके बाद एटीएस की टीम ने ज्योति बाधिर विद्यालय में पहुंचकर वहां के प्रिंसिपल और मैनेजर से इस संबंध में बात की. एटीएस ने 10 महीने के वोकेशनल कोर्स के दौरान विद्यालय में पढ़ रहे सभी बच्चों की डिटेल मांगी है. विद्यालय के प्रधानाचार्य रामदास पाल से बातचीत में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आदित्य से अब्दुल बनने के बाद 24 साल का मूक बाधिर आदित्य दूसरों को इस्लाम धर्म के लिए धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहा था. ऐसे 2 नाबालिगों के मामले निकल कर सामने आए हैं, जिनमें जब परिजनों ने छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन देखा तो उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य से संपर्क किया और बकायदा आदित्य की शिकायत भी की थी.

जानकारी देते प्रधानाचार्य.

बता दें कि यह दोनों मामले थाने तक भी पहुंचे लेकिन, परिवार ने प्रतिष्ठा के डर से एफआईआर दर्ज नहीं कराई. नोएडा डेफ सोसायटी से भेजा गया राग्यू आलम यहां पर बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहा था. दरअसल विद्यालय वालों को केवल उसके रहने खाने की व्यवस्था करनी थी, उसकी बाकी जिम्मेदारी नोएडा डेफ सोसायटी उठा रही थी.

धर्मांतरण का सर्टिफिकेट.
धर्मांतरण का सर्टिफिकेट.

बता दें कि आदित्य गुप्ता बचपन से ज्योति बाधिर विद्यालय में पढ़ा है. उसकी मां इसी स्कूल में टीचर थीं. आदित्य ने यहां रेगुलर दसवीं तक की शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद उसने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से 12वीं का फॉर्म भरा और ज्योति बाधिर विद्यालय को सेंटर के रूप में चुना था.

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