कानपुर: शहर के परेड चौराहा पर तीन जून की शाम को अचानक हुई हिंसा में जमकर बम और पत्थर चले थे. मामला इतना अधिक बढ़ा कि हिंसा में तमाम पाकिस्तान के कालर्स ने कॉल्स की थीं. घटना की गंभीरता को देखते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने उस समय हिंसा के चार मुख्य आरोपियों- हयात जफर हाशमी, मो.जावेद, मो.सूफिया व मो. राहिल को गिरफ्तार कर लिया था.
उनसे पूछताछ के बाद परेड व आसपास क्षेत्रों में रहने वाले करीब 50 अन्य युवकों को भी अरेस्ट किया गया था. हालांकि, उस समय पुलिस व प्रशासन के अफसर लगातार यह दावा कर रहे थे कि चारों मुख्य आरोपियों के घरों की कुर्की कराकर उन पर बुलडोजर दौड़ेगा. लेकिन, वक्त के साथ ही जहां पुलिस अब पूरी तरह से शांत हो गई. वहीं, शहर के लोग यह भी कह रहे हैं कि बाबा का बुलडोजर ठंडा पड़ चुका है.
चारों मुख्य आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए की हुई कार्रवाई: कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला पुलिस अफसरों का कहना है कि चारों मुख्य आरोपी पिछले कई माह से जेल में बंद हैं. इनमें मुख्य कर्ताधर्ता हयात जफर व अन्य के खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है. वहीं, कोर्ट में पुलिस की ओर से चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है. लेकिन पिछले कुछ समय से पुलिस ने इस मामले की फाइलों को ठंडे बस्ते में बंद कर दिया है. जबकि इस हिंसा में फंडिंग के लिए शामिल रहा बाबा बिरयानी का मालिक मुख्तार बाबा कुछ दिनों पहले ही जमानत के आधार पर जेल से बाहर आ चुका है.
पुलिस लगातर इस मामले की समीक्षा कर रही है. जब गंभीर मामलों पर बैठकें होती हैं, तो सभी की स्थिति देखी जाती है. फिलहाल चारों आरोपी जेल में हैं. अभी उनकी जमानत को लेकर कोई जानकारी भी नहीं मिली है. बुलडोजर का फैसला एक नियमानुसार प्रक्रिया के तहत लिया जाता है. शासन से अगर निर्देश मिलेंगे तो जरूर कार्रवाई कराएंगे. -आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त
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