कानपुर: ग्रीनपार्क स्टेडियम में अगस्त के आखिरी हफ्ते से टी-20 के लीग मैच होंगे या नहीं, इस पर अभी जहां संशय बरकरार है. वहीं, तमाम अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने वाले कानपुर के इस ऐतिहासिक स्टेडियम से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. स्टेडियम में न तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना है और न ही केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से किसी तरह का कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र स्टेडियम में है. इसी वजह से बिना वर्षाजल को संचित करे ही बोरवेल से भूजल निकाला जा रहा है. इन मानकों के अधूरे रहने पर अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ग्रीनपार्क स्टेडियम के जिम्मेदारों को नोटिस थमा दी है. इस पूरे मामले पर उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ अंकित चटर्जी का कहना है कि जल्द मानक पूरे करा दिए जाएंगे. जबकि, एक चर्चा यह भी है कि एनजीटी ने करीब एक माह पहले नोटिस दी थी. बावजूद इसके अफसरों ने लापरवाही बरती और कोई काम नहीं कराया.
एस्ट्रो टर्फ का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बदहाल: ग्रीनपार्क स्टेडियम के मुख्य स्टेडियम के बाहर बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आंशिक रूप से चल रहा है. जबकि, हॉकी के एस्ट्रो टर्फ के पास बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पूरी तरह से बदहाल है. मानकों के पूरे न होने के बावजूद भी उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यहां टी-20 लीग कराने की योजना बना ली है.
देश के 26 स्टेडियम का हुआ था निरीक्षण: दरअसल, कुछ माह पहले जलशक्ति मंत्रालय की ओर से देश के अलग-अलग 26 स्टेडियम का निरीक्षण किया गया था. अवैध भूजल निकासी के मामलों को लेकर उनमें से 20 स्टेडियम के जिम्मेदार अफसरों को प्राधिकरण की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया. उनमें ग्रीनपार्क स्टेडियम भी शामिल है. एनजीटी के नोटिस की जानकारी के बाद से शहर के क्रिकेट व खेलप्रेमियों का कहना है कि यूपीसीए के अफसर ग्रीनपार्क स्टेडियम की दुर्दशा को दूर करने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं.
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