कानपुर: एक अपराधी को गिरफ्त में लेने के बाद मौजूदा समय में पुलिस कर्मियों को अलग-अलग दफ्तरों के खूब चक्कर काटने पड़ते हैं. इससे अपराधी के खिलाफ होने वाली कार्रवाई में देरी होती है तो कभी फाइल अपर पुलिस आयुक्त के कार्यालय में होती है, जिसके चलते पुलिस कर्मियों को खासा दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन अब इन झंझटों से मुक्ति मिलने वाली है. जी हां एक छत के नीचे अपराधी की पूरी कुंडली तैयार हो सके, इसके लिए जिले में करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से नया पुलिस आयुक्त कार्यालय बनने की योजना है.
लखनऊ की तर्ज पर बनने वाले इस आयुक्त कार्यालय में कुल सात अलग-अलग तल (मंजिल) होंगे, जिनमें एक साथ पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त और अन्य अफसर बैठ सकेंगे. पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने ईटीवी भारत को बताया कि, कोर्ट और डीएम कार्यालय के पास बनने वाले इस नए कार्यालय में एक इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम बनेगा, जिससे हर थानों की गतिविधियों पर पर नजर रखी जा सकेगी. इसी तरह एक ऐसा सभागार होगा, जिसमें अफसर जनता से सीधा संवाद करेंगे. इसी क्रम में एलआइयू, एटीएस समेत अन्य विभागों के दफ्तर होंगे, जो पुलिस कार्यालय से हमेशा जुड़े रहते हैं.
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पुलिस आयुक्त ने बताया कि इसमें एलआइयू, एटीएस समेत अन्य विभागों के दफ्तर होंगे जो पुलिस कार्यालय से हमेशा जुड़े रहते हैं. साथ ही उनका कहना है कि कार्यालय की डिजाइन फाइनल हो चुकी है. प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. स्वीकृति मिलते ही नए कार्यालय का निर्माण कार्य शुरू करा देंगे. इसके बाद एक से डेढ़ साल के अंदर कार्यालय बनकर तैयार हो जाएगा.
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