कानपुर देहातः जिले में 1 हफ्ते पहले लापता हुई नाबालिक बच्ची की तलाश उसकी मौत पर आकर खत्म हो गई. परिजनों की गुहार पर खुद आईजी रेंज प्रशांत कुमार बच्ची तलाश में जुट गए थे. इसके साथ ही उन्होंने सही सलामत बच्ची को परिजनों को सौंपने का दावा भी किया था. लेकिन पुलिस और अधिकारियों की सही-सलामत बच्ची को तलाशने के दावे खोखले साबित हुए.
पुलिस अधीक्षक सुनीति ने सोमवार को हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि 19 दिसबंर को भोगनीपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग मासूम के लापता होने की सूचना मिली थी. जो उस दिन आखिरी बार उसी मौहल्ले में देखी गई थी. पुलिस ने सूचना के आधार पर आस-पास के इलाके का भी सर्च-ऑपरेशन शुरू कर दिया. बगल के जिलों में भी अलर्ट जारी कर दिया. पुलिस ने इस बीच बच्ची को ढूंढने के लिए डॉग स्क्वायड के साथ-साथ कई टीमें भी गठित की थी. पुलिस ने पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए पास के जंगलों में ड्रोन के से भी छानबीन की थी. लेकिन उसके बारे में कुछ पता नहीं चला. इसी बीच 23 दिसंबर को पुलिस को यमुना नदी में तैरता हुआ एक शव जालौन पहुंचने की सूचना मिली. परिजनों ने शव की शिनाख्त की.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाबालिग के पड़ोस में रहने वाले चंद्रशेखर ने मासीम की हत्या का जुर्म स्वीकार किया है. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि 19 दिसबंर को जब बच्ची रात के 8 बजे के करीब गली से गुजर रही थी, तो नमकीन दिलाने के बहाने उसे अपने साथ ले गया. इस दौरान आरोपी चंद्रशेखर ने उसे एक ट्यूबवेल पास ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. बच्ची दुष्कर्म की बात किसी से कह ना दे इसलिए आरोपी पड़ोसी ने उसकी हत्या कर उसका शव यमुना नदी में फेंक दिया. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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