कानपुर : कुछ दिनों पहले अवैध असलहा मामले में लगातार कोर्ट के चक्कर लगाने वाले एमएसएमई मंत्री राकेश सचान अब 72 प्लाटों के आवंटन मामले को लेकर सुर्खियों में हैं. उद्योग विभाग के अफसरों ने उनकी संस्था को 72 प्लॉट आवंटित उस समय कर दिए थे, जब राकेश सचान सांसद थे. इस मामले में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जांच के बाद संयुक्त आयुक्त (उद्योग) सर्वेश्वर शुक्ला ने वर्ष 2012 से लेकर अब तक हुए आवंटन को लेकर करीब 10 उपायुक्तों को दोषी माना है. सभी के खिलाफ जांच के आदेश जारी हो गए हैं. जल्द ही उक्त अफसरों पर कार्रवाई होगी.
दरअसल फतेहपुर में औद्योगिक आस्थान सुधवापुर और चकहाता में वर्ष 2012 में राकेश सचान की संस्थाओं- अभिनव व सीमा शिक्षा एवं समाज सेवा संस्थान को 11 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल के 72 भूखंडों का आवंटन किया गया था. आवंटन की प्रक्रिया के तहत इन प्लॉटों के लिए लीज डीड नहीं हुई थी. इन प्लॉटों पर निर्माण नहीं होने के बावजूद संस्था को नोटिस भी नहीं दिया गया. जब इंवेस्टर्स समिट के समय जमीनों की तलाश हुई तो लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह के पत्र के बाद इन भूखंडों की बात सामने आ गई. जब विभागीय अफसरों ने नोटिस जारी की तो मंत्री राकेश सचान की ओर से भूखंडों के सरेंडर करने का प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया.
उद्योग बंधु की बैठक में निरस्त होगा आवंटन: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की संस्थाओं के नाम आवंटित 72 भूखंडों का आवंटन निरस्त होना तय हो गया है. संस्था के अध्यक्ष उदय नारायण सचान की ओर से भूखंड सरेंडर करने का पत्र मिलने के बाद आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है. डीएम की ओर से होने वाली उद्योग बंधु की बैठक में प्रस्ताव के आधार पर भूखंडों का आवंटन निरस्त कराया जाएगा. संयुक्त आयुक्त (उद्योग) सर्वेश्वर शुक्ला ने बताया कि एमएसएमई मंत्री को 72 प्लॉट आवंटन मामले में 10 उपायुक्त चिह्नित किए गए हैं, जिनकी लापरवाही के चलते यह मामला 2012 से लंबित रहा. अगर अफसर पहले ही नोटिस भेज देते तो ऐसा नहीं होता. अब सभी के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी.