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20 साल बाद हैलट में लगेगी अपनी एमआरआई मशीन, भरेंगे रिक्त पद

कानपुर के हैलट हॉस्पिटल को 20 साल बाद अपनी एमआरआई मशीन मिल जाएगी. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस संबंध में जानकारी दी. वीसी में मंत्री और मुख्य सचिव ने हैलट के अधिकारियों को एमआरआई मशीन के लिए जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए.

हैलट हॉस्पिटल, कानपुर.
हैलट हॉस्पिटल, कानपुर.
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Published : Nov 12, 2020, 11:46 AM IST

कानपुरः शहर स्थित हैलट हॉस्पिटल को 20 साल बाद अब अपनी एमआरआई मशीन मिल जाएगी. अभी तक हैलट में निजी एमआरआई सेंटर से मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन कराना पड़ता था. हैलट में एमआरआई मशीन लग जाने से मरीजों को सरकारी दर पर जांच सुविधा मिलने लगेगी. इससे यहां आने वाले मरीजों की जेब पर अतिरिक्त भार नहीं बढ़ेगा. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने इसको लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस संबंध में जानकारी दी.

अधिकारियों को जगह चिह्नित करने के निर्देश
कांफ्रेंस में चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत फिरोजाबाद और शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में सात महीने में मशीन लगा दी जाएगी. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रभारियों से जगह चिन्हित करने को कहा गया है ताकि शासन की टीम वहां मशीन लगा सके. इसी के साथ वीसी में प्राचार्य डॉ. आर बी कमल, उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरी और डॉ. सौरभ अग्रवाल से हैलट की जानकारी ली गयी.


रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कई बार शासन को लिख चुके हैं
रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कई बार मशीन न होने के मसले को शासन तक लिख चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि निजी सेंटर के मालिक डॉक्टरों को एमआरआई और सिटी स्कैन करने नहीं देते हैं, जिससे डॉक्टर्स का प्रैक्टिकल पार्ट रह जाता था. इसके साथ ही मरीजों को भी सेंटर की मनमानी से दो-चार होना पड़ता है.

मेडिकल कॉलेज से मांगा गया रिक्त पद का ब्यौरा
अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने वीसी में मेडिकल कॉलेज में रिक्त पद को लेकर कहा कि ग्रेड तीन से लेकर डॉक्टरों के रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा भेजा जाए. शासन स्थाई नियुक्तियों के लिए प्रस्ताव आयोग को भेजेगा. इसके बाद आयोग पदों पर नियुक्ति करेगा.

4 दिन में पहुंच जाएगा 119 दवाओं का स्टॉक
लगातार हैलट हॉस्पिटल को दवाओं की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है. इससे मरीजों को भी दिक्कत हो रही थी. इसको देखते हुए डॉ. रजनीश ने कहा कि 4 दिन में 119 सॉल्ट की दवाइयां पहुंच जाएंगी. डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि अस्पताल में अब आउटसोर्सिंग एजेंसी चयन जेम पोर्टल से होगा. इसलिए मेडिकल कॉलेज इसका सिस्टम समझकर प्रस्ताव पोर्टल में भेजेंगे.

कानपुरः शहर स्थित हैलट हॉस्पिटल को 20 साल बाद अब अपनी एमआरआई मशीन मिल जाएगी. अभी तक हैलट में निजी एमआरआई सेंटर से मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन कराना पड़ता था. हैलट में एमआरआई मशीन लग जाने से मरीजों को सरकारी दर पर जांच सुविधा मिलने लगेगी. इससे यहां आने वाले मरीजों की जेब पर अतिरिक्त भार नहीं बढ़ेगा. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने इसको लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस संबंध में जानकारी दी.

अधिकारियों को जगह चिह्नित करने के निर्देश
कांफ्रेंस में चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत फिरोजाबाद और शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में सात महीने में मशीन लगा दी जाएगी. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रभारियों से जगह चिन्हित करने को कहा गया है ताकि शासन की टीम वहां मशीन लगा सके. इसी के साथ वीसी में प्राचार्य डॉ. आर बी कमल, उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरी और डॉ. सौरभ अग्रवाल से हैलट की जानकारी ली गयी.


रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कई बार शासन को लिख चुके हैं
रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टर कई बार मशीन न होने के मसले को शासन तक लिख चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि निजी सेंटर के मालिक डॉक्टरों को एमआरआई और सिटी स्कैन करने नहीं देते हैं, जिससे डॉक्टर्स का प्रैक्टिकल पार्ट रह जाता था. इसके साथ ही मरीजों को भी सेंटर की मनमानी से दो-चार होना पड़ता है.

मेडिकल कॉलेज से मांगा गया रिक्त पद का ब्यौरा
अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने वीसी में मेडिकल कॉलेज में रिक्त पद को लेकर कहा कि ग्रेड तीन से लेकर डॉक्टरों के रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा भेजा जाए. शासन स्थाई नियुक्तियों के लिए प्रस्ताव आयोग को भेजेगा. इसके बाद आयोग पदों पर नियुक्ति करेगा.

4 दिन में पहुंच जाएगा 119 दवाओं का स्टॉक
लगातार हैलट हॉस्पिटल को दवाओं की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है. इससे मरीजों को भी दिक्कत हो रही थी. इसको देखते हुए डॉ. रजनीश ने कहा कि 4 दिन में 119 सॉल्ट की दवाइयां पहुंच जाएंगी. डॉ. रजनीश दुबे ने कहा कि अस्पताल में अब आउटसोर्सिंग एजेंसी चयन जेम पोर्टल से होगा. इसलिए मेडिकल कॉलेज इसका सिस्टम समझकर प्रस्ताव पोर्टल में भेजेंगे.

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