कानपुर: सोमवार को कानपुर नगर निगम में सदन की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई. सदन में भ्रष्टाचार और कमीशनबाजी का मुद्दा जमकर गूंजा. पार्षदों ने एक स्वर में निगम में भ्रष्टाचार के मुद्दे का विरोध किया और अधिकारियों के रवैये को लेकर भी रोष व्यक्त किया. इसी के साथ हाउस टैक्स से लेकर गंदगी के मुद्दे पर भी पार्षदों ने अपनी बात रखी. इस दौरान पार्षदों ने काम न होने के चलते जमकर हंगामा किया. महापौर ने शाम 6 बजे विगत दिन पहले मृत पार्षदों को श्रद्धांजलि देते हुए सदन स्थगित कर दिया.
एक करोड़ का नगर आयुक्त ने समझाया गणित
पार्षदों के एक करोड़ रुपये के सवाल पर नगर आयुक्त ने कहा कि सभी पार्षदों से उप नगरायुक्त एक-एक करके बातचीत करेंगे और उन पार्षदों के क्षेत्र में जो काम हुआ उसका लेखा लेकर उससे चर्चा करेंगे. यदि काम हो गया होगा तो फिर किसी विशेष परिस्थितियों में ही एक दो काम हो सकेंगे.
पार्षदों की आपत्ति के बाद पास हुआ प्रस्ताव
पार्षदों ने एक करोड़ की प्रक्रिया जानने के बाद कहा कि कई वार्डों में सांसद, विधायक ने निगम से काम करवा दिए हैं, जो पार्षदों ने नहीं कराया और जब यह भी इसमें जोड़ा जाएगा तो कई पार्षदों के क्षेत्र में एक करोड़ से ऊपर काम हो जाएगा. इस वजह से पार्षदों को आगे काम करने में दिक्कत होगी. वहीं इस मामले पर एक प्रस्ताव पास हुआ कि अब निगम की ओर से वार्डों में कोई काम कराया जाएगा, तो सांसद और विधायक को यह सभी काम पार्षदों के के माध्यम से ही करवाने होंगे.
गदियाना मामले में एफआईआर की मांग
सदन की शुरुआत होते ही भाजपा के पार्षद सौरभ देव और नवीन पंडित ने गदियाना में मेयर पर हुए हमले को लेकर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अभी तक उस मामले में एफआईआर न होना निगम का लापरवाही भरा रवैया है. इसी के साथ सभी पार्षदों ने मांग की कि जब तक एफआईआर नहीं होगी तब तक सदन नहीं चलेगा. पार्षदों ने कहा कि जब निगम की महापौर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो पार्षद कैसे सुरक्षित होंगे. इसके बाद तुरंत नगर आयुक्त ने एफआईआर करवाने के निर्देश दिए.
नए साल में बदलें सभी जेई और जोनल अधिकारी
मेयर ने सदन के दौरान कहा कि नए साल में सभी जोन के जेई को इधर से उधर किया जाए. वहीं सभी जोनल को भी 1 जनवरी के बाद से दूसरे जोन में ट्रांसफर किया जाए, ताकि जो भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही की शिकायत आ रही है उसमें कमी आ सके.
आयुक्त ईमानदार लेकिन अधिकारी नहीं
पार्षद अर्पित यादव ने भ्रष्टाचार के मामले पर कहा कि आईएएस अक्षय त्रिपाठी नगर आयुक्त ईमानदार हैं, लेकिन उनके अधिकारी भ्रष्ट होने की वजह से नगर निगम में यह भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. वह कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के चलते उनकी कोशिश पूरी नहीं हो पा रही है.
भ्रष्टाचार पर महिला पार्षद ने पहनी जूते की माला
सदन में भ्रष्टाचार और कमीशनबाजी को लेकर पहली बार सभी दल एक हो गए. सभी दलों के पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि 5 साल में 3 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक हम भ्रष्टाचार के चलते काम नहीं करवा सके. जनता जवाब मांग रही. इसके बीच सपा पार्षद ने जूते की माला पहनकर विरोध दर्ज करवाया. इसी के साथ सभी दल के पार्षद वेल में बैठ गए.
जोन 4 के अधिशासी अभियंता को किया गया पदमुक्त
जोन 4 के पार्षदों ने अधिशासी अभियंता पुनीत ओझा पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. पार्षदों ने कहा कि पुनीत काम की जगह सिर्फ भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं. इस दौरान हाजी सुहैल, अर्पित यादव, मोनू गुप्ता समेत कई पार्षदों ने उन्हें हटाने की मांग की. इसके बाद मेयर ने आयुक्त से तत्काल प्रभाव से पुनीत ओझा को हटाने का निर्देश दिया.
महिला पार्षद ने विद्युत यांत्रिक अभियंता को दिखाई चूड़ियां
रोड लाइट के मामले में सभी पार्षदों ने लाइट न होने का मामला उठाया. इसके बाद विद्युत यांत्रिक अभियन्ता आरके पाल सफाई देने आए और भुगतान न होने के चलते कंपनी द्वारा काम रोकने की बात कही. इस पर मेयर प्रमिला पांडेय ने उन्हें फटकार लगाई और उनसे लाइट न लगाने का कारण पूछा, जिसका वह कोई जवाब नहीं दे सके. इस दौरान महिला पार्षदों ने आरके पाल को चूड़ियां दिखाते हुए कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.
सदन में माइक की गुणवत्ता पर सपा पार्षदों ने उठाये सवाल
सपा के पार्षद अर्पित यादव ने सदन के माइक की गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि लाखों रुपये खर्च कर सदन में माइक लगवाए गए, लेकिन वह भी ठीक नहीं हैं. सपा के पार्षद हाजी सुहैल अपना माइक और साउंड लेकर पहुंचे और उन्होंने विरोध दर्ज करवाते हुए उसी माइक और साउंड का उपयोग किया.
सभी पार्षदों ने उठाया बीट खाली होने का मुद्दा
सदन में कांग्रेस के पार्षद कमल शुक्ल बेबी ने बीट खाली होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां स्मार्ट सिटी से लेकर स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहे है. वहीं दूसरी ओर बीट खाली होने के चलते गलियां गंदगी से भरी हुई हैं, इसलिए बीट में कर्मचारी रखे जाएं. इसका सभी पार्षदों ने समर्थन किया और कहा कि जल्द ही इस मामले का निस्तारण किया जाए.
नियुक्ति के नाम पर हो रही वसूली
सपा के पार्षद अभिषेक गुप्ता मोनू ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि नगर निगम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर अवैध रूप से वसूली हो रही है. वहीं निगम में जो गाड़ी लगाई गई है, वह भी नियम विरुद्ध है. क्योंकि इनमें से अधिकांश गाड़ियां तो ऐसी हैं जो कमर्शियल तक नहीं है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अब निगम में आउटसोर्सिंग के जो कर्मचारी भर्ती किए जाएंगे वह जेम पोर्टल से ही हों.
इन अधिकारी पर निगम में उठे सवाल
सदन में पार्षदों ने निगम के कई अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर विरोध दर्ज किया. इसमें सबसे पहले पुनीत ओझा पर भ्रष्टाचार करने की बात कही गई. इसके बाद सदन ने उनको उनके पद से पद मुक्त कर दिया. इसी के साथ दीपक यादव को एक प्राइवेट आदमी को लेकर चलने का आरोप लगाया गया. वहीं जोनल अभियंता रमेश श्रीवास्तव के कार्यालय न आने और स्वास्थ्य कारण बताने के चलते काम न कर पाने जैसे बिंदु रखे गए.
अतिक्रमण को लेकर मेयर से भिड़े पार्षद
शास्त्री नगर क्षेत्र के एक पार्क में अतिक्रमण हटवाने के मामले को लेकर पार्षद राघवेंद्र मिश्रा की मेयर से कहासुनी हो गयी. राघवेंद्र मिश्रा ने नगर निगम के अधिकारियों द्वारा काम में लापरवाही करने के चलते अतिक्रमण न हटवाने की बात कही और अपने वार्ड से दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. जिसके बाद मेयर बिफर गईं.
मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि उनके कार्यकाल में जो भी बीट में सफाई कर्मचारी खत्म हुए हैं या रिटायर हुए हैं उनकी जगह वह नियुक्ति करेंगी. इसी के साथ उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी से जब मेयर ने बीट के बारे में जानकारी मांगी तो गलत आंकड़ा देने पर मेयर ने कहा कि यह शर्म की बात है कि आपको इसकी जानकारी नहीं है.
मेयर ने सभी पार्षदों को अपनी बात रखने को कहा
मेयर ने सदन के दौरान सभी पार्षदों से अपनी बात करने रखने को कहा. इस दौरान कई पार्षद ऐसे थे जिन्होंने सदन में अपनी बात पहली बार रखी. वहीं उन्होंने महिला पार्षदों से भी आगे आकर अपने वार्ड की समस्याओं के बारे में कहने को कहा. इसमें कई महिला पार्षदों और अन्य पार्षदों ने भी अपने वार्ड में विकास कार्य के उनके बारे में भी चर्चा की.
सदन की ओर से होगी जल निगम पर कार्रवाई
सदन में जब जल निगम के मुख्य अभियंता प्रभारी राम शरण पाल आए तो पार्षदों की ओर से जल निगम से संबंधित प्रश्नों के वह जवाब नहीं दे सके. इसके बाद मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि जल निगम पर सदन की ओर से कार्रवाई की जाएगी.
दिवंगत पार्षदों के नाम पर हो पार्क और सड़कों का नामकरण
पार्षद पप्पू पांडे ने एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन के जो भी पार्षद अब हमारे बीच नहीं हैं, उनके नाम पर शहर में पार्क और सड़कों का नाम होना चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने कहा कि हाल ही में दिवंगत पार्षद विजय यादव के घर के पास स्थित पार्क और सड़क का नाम उनके नाम पर निगम को कर देना चहिए. उन्होंने कहा कि उनकी तेरहवीं से पहले अगर सदन में यह का प्रस्ताव पास हो जाएगा तो हम सबकी तरफ से उनके लिए श्रद्धांजलि होगी.
हर जोन में जाकर ली जाएगी हाउस टैक्स की जानकारी
मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि अपनी डुगडुगी कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह रोज हर जोन में आधे-आधे घंटे बैठेंगी और हाउस टैक्स में हो रही गड़बड़ी के बारे में जानकारी लेंगी. अधिकारी अपने मनमाने ढंग से हाउस टैक्स बढ़ा और घटा दे रहे हैं, वह इस पर रोक लगाएंगी ताकि लोगों पर हाउस टैक्स का अतिरिक्त दबाव न पड़े.
भ्रष्टाचार में डूबा है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
पार्षद हाजी सुहैल ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. सिर्फ कागजों में नाम का ही स्मार्ट सिटी में विकास हो रहा है, जमीनी स्तर पर कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. वहीं जनता मूलभूत सुविधाएं के लिए परेशान हो रही है.
नहीं पड़ी मिट्टी हो गया भुगतान
पार्षद आरती गौतम ने कहा कि उनके वार्ड के एक पुल पर मिट्टी पड़नी थी, जिसमें बिना मिट्टी पड़े ही जोनल अधिकारी ने पेमेंट कर दिया. वहीं इस मामले में आरके सिंह ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि सिर्फ जिस हिस्से में मिट्टी पड़ी है, उसका ही पेमेंट किया. दूसरे हिस्से में न तो भी मिट्टी पड़ी है और न ही उसका पेमेंट हुआ है.