कानपुर: ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने बाजार में अभूतपूर्व जीन थेरेपी एसेट्स को पेश करने के लिए लौरस लैब्स के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. किसी भी फैकल्टी रिसर्च ग्रुप में यह अभूतपूर्व उद्योग निवेश का पहला उदाहरण है. यह करार भारत में बायोइंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवाचार और उन्नति के संबंध में एक आदर्श बदलाव को दर्शाने वाला हो सकता है.
एमओयू के मुताबिक आईआईटी कानपुर इन-लाइसेंसिंग के माध्यम से लौरस लैब्स को कई जीन थेरेपी एसेट्स हस्तांतरित करेगा, जो प्री-क्लीनिकल विकास के माध्यम से उनकी प्रगति को सुविधाजनक बनाने के लिए एक शोध अनुदान प्रदान करेगी. लौरस लैब्स न केवल भारत में बल्कि उभरते बाजारों में भी आवश्यक क्लिनिकल परीक्षण और इन अत्याधुनिक उत्पादों के लॉन्च के लिए धन मुहैया कराएगी. इसके अलावा, लौरस लैब्स जीन थेरेपी उत्पादों की उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर के टेक्नो पार्क में एक अत्याधुनिक गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) सुविधा स्थापित करेगी. वे जीएमपी सुविधा की क्षमताओं का लाभ उठाते हुए सेल और जीन थेरेपी के लिए अनुबंध विकास और विनिर्माण संगठन (सीडीएमओ) व्यवसाय में सक्रिय रूप से संलग्न होंगे.
'आईआईटी कानपुर में यह हमारे लिए एक बड़ा क्षण है जब हम जीन थेरेपी में अग्रणी शोध के आधार पर नवीन दवाओं के विकास के लिए एक प्रमुख फार्मा कंपनी लौरस लैब्स के साथ साझेदारी कर रहे हैं. आईआईटी कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना के साथ, हम नई दवाओं की खोज, मेडिकल डायग्नोस्टिक्स, चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा उपकरणों और प्रत्यारोपण सहित सस्ती स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तनकारी अनुसंधान के लिए प्रतिबद्ध हैं.
-प्रो.अभय करंदीकर, आईआईटी कानपुर- निदेशक
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