कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद सोमवार को कानपुर में जातिसूचक शब्द लिखे होने पर पहली बार किसी गाड़ी का चालान किया गया था. हालांकि, कानपुर ही नहीं यह सख्ती उत्तर प्रदेश के हर जिले में हो रही है. इस सख्ती के विरोध में स्वयं को अभिभावक संघ का पदाधिकारी बताने वाले राकेश मिश्रा नामक व्यक्ति ने हाईवोल्टेज ड्रामा किया.
ये था मामला
अभिभावक संघ का पदाधिकारी बताते हुए राकेश मिश्रा नामक व्यक्ति दोपहर साइकिल लेकर बड़ा चौराहे पर पहुंचे. साइकिल पर उन्होंने 'मैं ब्राह्मण हूं' लिखी तख्ती लगा रखी थी. यह वाक्य लिखी टोपी भी पहन रखी थी. आते ही उन्होंने चौराहे पर घूम-घूमकर पुलिसकर्मियों से चालान करने की मांग की.
एसपी की गाड़ी के सामने भी अड़ा रहा युवक
युवक ने कहा कि सोमवार को पुलिस ने जातिसूचक शब्द लिखे वाहन का चालान कर दिया था. राकेश की मांग को पुलिसकर्मी अनसुना करते रहे. इसी बीच राकेश ने चौराहे से गुजर रही एसपी की गाड़ी भी रोक ली और उनसे भी चालान करने की मांग करने लगा. तब ट्रैफिक पुलिसकर्मी दौड़े और राकेश को पकड़कर किनारे लाए. वहां उसने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए सरकारी आदेश की निंदा की.
जातिसूचक शब्द लिखे वाहन का चालान करने का नियम मोटर व्हीकल एक्ट के तहत है. साइकिल पर यह नियम लागू नहीं होता. लिहाजा हंगामा कर रहे युवक को समझाकर शांत करा दिया गया है.
-संजीवकांत मिश्र, कोतवाली थाना प्रभारी