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कानपुर सड़क हादसाः पीड़ितों के गांव पहुंचे मंत्री संजय निषाद तो ग्रामीण बोले- वापस जाओ

कानपुर सड़क हादसे (Kanpur road accident) के बाद सोमवार को मंत्री संजय निषाद कोरथा गांव (Kortha Village) पहुंचे. इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा

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मंत्री संजय निषाद
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Published : Oct 3, 2022, 10:16 PM IST

कानपुरः शहर के घाटमपुर इलाके में हुई घटना में मृतकों के परिजनों से मिलने सोमावर को मत्स्य मंत्री सजंय निषाद (Fisheries Minister Sanjay Nishad) कोरथा गांव (Kortha Village) पहुंचे. ग्रामीणों ने मत्स्य मंत्री सजंय निषाद का विरोध किया. ग्रामीणों का कहना था कि जब घटना हुई तब उन्हें आना चाहिए था, उनके पास घटना की सूचना पहुंचाई गई थी, लेकिन सूचना के बाद भी वे नहीं पहुंचे थे.

मंत्री संजय निषाद

बता दें, कि ग्रामीणों ने गांव के सीमा पर ही उनके काफिले को रोक लिया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा. हालांकि, काफी बातचीत के बाद उन्हें गांव में जाने दिया गया, जहां पहुंचकर मंत्री संजय निषाद ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने घायलों के बारे में भी जानकारी की.

ग्रामीण बोले आरोपी ड्राइवर की गिरफ्तारी कराएं
मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के अध्य्क्ष संजय निषाद जब कोरथा गांव पहुंचे, तो पहले ग्रामीणों ने उनका विरोध किया फिर काफी देर बातचीत के बाद उन्हें गांव के अंदर जाने दिया. मृतक के परिवार के सदस्य और गांव के लोगों ने केवल एक ही बात कही कि जल्द से जल्द आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर को गिरफ्तार कर सजा मिले. साथ ही घायलों के उपचार की उचित व्यवस्था की जाय.

निषाद समाज के लोगों का फूटा गुस्सा
दर्दनाक घटना के बाद गांव में मातम छा गया है. कोरथा गांव के आलवा पूरे इलाके में जिसने भी घटना के बारे में सुना उसकी आंखों मे पानी आ गया. इस हादसे में किसी ने अपना परिवार का मुखिया खोया, तो किसी के घर का चिराग बुझ गया. इतना ही नहीं जब एक साथ गांव से 26 अर्थियां उठीं, तो चारों ओर बस चीख पुकार और सिसक की आवाज थी. ऐसे में हादसे में मरने वाले ज्यादतर निषाद समाज से ताल्लुक रखते थे और गांव में भी आबादी निषाद बहुल्य है.

मत्स्य मंत्री पर गुस्सा होने का कारण बस यही था कि मंत्री उनके समाज के होने के बावजूद घटना की सूचना मिलने के बाद भी देर से पहुंचे. घटना को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ उनका दर्द में शामिल हुए. वहीं, उनके समाज के नेता संजय निषाद ने उनका हाल भी नहीं जाना. आज जब उन्हें फुरसत मिली, तो वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कोरथा पहुंचे. हालांकि, मत्स्य मंत्री पीड़ित लोगों के आंसू पोछने में कामयाब हो गए, लेकिन गांव वालों में उनका विरोध अभी भी थमता नहीं दिख रहा है.

पढ़ेंः कानपुर सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या हुई 26, पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

कानपुरः शहर के घाटमपुर इलाके में हुई घटना में मृतकों के परिजनों से मिलने सोमावर को मत्स्य मंत्री सजंय निषाद (Fisheries Minister Sanjay Nishad) कोरथा गांव (Kortha Village) पहुंचे. ग्रामीणों ने मत्स्य मंत्री सजंय निषाद का विरोध किया. ग्रामीणों का कहना था कि जब घटना हुई तब उन्हें आना चाहिए था, उनके पास घटना की सूचना पहुंचाई गई थी, लेकिन सूचना के बाद भी वे नहीं पहुंचे थे.

मंत्री संजय निषाद

बता दें, कि ग्रामीणों ने गांव के सीमा पर ही उनके काफिले को रोक लिया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा. हालांकि, काफी बातचीत के बाद उन्हें गांव में जाने दिया गया, जहां पहुंचकर मंत्री संजय निषाद ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने घायलों के बारे में भी जानकारी की.

ग्रामीण बोले आरोपी ड्राइवर की गिरफ्तारी कराएं
मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के अध्य्क्ष संजय निषाद जब कोरथा गांव पहुंचे, तो पहले ग्रामीणों ने उनका विरोध किया फिर काफी देर बातचीत के बाद उन्हें गांव के अंदर जाने दिया. मृतक के परिवार के सदस्य और गांव के लोगों ने केवल एक ही बात कही कि जल्द से जल्द आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर को गिरफ्तार कर सजा मिले. साथ ही घायलों के उपचार की उचित व्यवस्था की जाय.

निषाद समाज के लोगों का फूटा गुस्सा
दर्दनाक घटना के बाद गांव में मातम छा गया है. कोरथा गांव के आलवा पूरे इलाके में जिसने भी घटना के बारे में सुना उसकी आंखों मे पानी आ गया. इस हादसे में किसी ने अपना परिवार का मुखिया खोया, तो किसी के घर का चिराग बुझ गया. इतना ही नहीं जब एक साथ गांव से 26 अर्थियां उठीं, तो चारों ओर बस चीख पुकार और सिसक की आवाज थी. ऐसे में हादसे में मरने वाले ज्यादतर निषाद समाज से ताल्लुक रखते थे और गांव में भी आबादी निषाद बहुल्य है.

मत्स्य मंत्री पर गुस्सा होने का कारण बस यही था कि मंत्री उनके समाज के होने के बावजूद घटना की सूचना मिलने के बाद भी देर से पहुंचे. घटना को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ उनका दर्द में शामिल हुए. वहीं, उनके समाज के नेता संजय निषाद ने उनका हाल भी नहीं जाना. आज जब उन्हें फुरसत मिली, तो वह अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कोरथा पहुंचे. हालांकि, मत्स्य मंत्री पीड़ित लोगों के आंसू पोछने में कामयाब हो गए, लेकिन गांव वालों में उनका विरोध अभी भी थमता नहीं दिख रहा है.

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