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स्वाइन फ्लू से ग्रसित MBBS की छात्रा ने 16 दिन बाद तोड़ा दम

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू से ग्रसित MBBS की छात्रा ने दम तोड़ दिया. छात्रा 16 दिन स्वाइन फ्लू से ग्रसित थी.

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
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Published : Oct 11, 2022, 10:08 PM IST

कानपुरः 16 दिनों तक लगातार संघर्ष करने के बाद शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा पाखी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया. पाखी में कुछ दिनों पहले स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले थे. इसके बाद छात्रा के मस्तिष्क में संक्रमण फैल गया था. मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की सीनियर टीम की देखरेख में एलएलआर अस्पताल में पाखी का इलाज चल रहा था. मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरी ने पाखी की मौत की पुष्टि की, जबकि प्राचार्य डॉ. संजय काला ने अपना फोन बंद कर रखा था.

मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अफसरों की खूब हुई थी किरकिरी
जब छात्रा पाखी अचानक से बीमार हुई थी, तो उसके साथ कॉलेज के कई अन्य छात्र-छात्राओं में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. इस मामले की जांच हुई, तो सामने आया था कि कैंपस में खूब गंदगी फैली थी और कई सुअर गर्ल्स हास्टल के पास मरे मिले थे. पूरे कैंपस में चर्चा थी, कि सुअरों के मरने के बाद से कैंपस में संक्रमण फैला और छात्र-छात्राएं बीमार हो गईं. यह मामला सीएम योगी तक पहुंचा तो शासन स्तर से जांच कराई गई थी. वहीं, दो दिनों पहले ही केंद्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने कॉलेज कैंपस में आकर जांच की थी, तब यह साबित हो गया था कि कैंपस में उन दिनों बहुत अधिक गंदगी फैली थी, जब छात्र बीमार हुए थे. इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अफसरों ने खूब किरकिरी कराई थी.

जिम्मेदारों पर गिर सकती गाज
छात्रा पाखी की मौत के बाद से पूरे शहर में यह चर्चा जोरों पर है कि किसी भी समय जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार पर गाज गिर सकती है. पाखी के अलावा जो छात्र बीमार हुए थे, उन्होंने भी सभी प्रशासनकि अफसरों से कई दिनों पहले बताया था कि कैंपस में गंदगी का अंबार है.

पढ़ेंः हर आपदा और महामारी से बचाव के लिए तैयार होंगे GSVM मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर

कानपुरः 16 दिनों तक लगातार संघर्ष करने के बाद शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा पाखी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया. पाखी में कुछ दिनों पहले स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले थे. इसके बाद छात्रा के मस्तिष्क में संक्रमण फैल गया था. मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की सीनियर टीम की देखरेख में एलएलआर अस्पताल में पाखी का इलाज चल रहा था. मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरी ने पाखी की मौत की पुष्टि की, जबकि प्राचार्य डॉ. संजय काला ने अपना फोन बंद कर रखा था.

मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अफसरों की खूब हुई थी किरकिरी
जब छात्रा पाखी अचानक से बीमार हुई थी, तो उसके साथ कॉलेज के कई अन्य छात्र-छात्राओं में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. इस मामले की जांच हुई, तो सामने आया था कि कैंपस में खूब गंदगी फैली थी और कई सुअर गर्ल्स हास्टल के पास मरे मिले थे. पूरे कैंपस में चर्चा थी, कि सुअरों के मरने के बाद से कैंपस में संक्रमण फैला और छात्र-छात्राएं बीमार हो गईं. यह मामला सीएम योगी तक पहुंचा तो शासन स्तर से जांच कराई गई थी. वहीं, दो दिनों पहले ही केंद्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने कॉलेज कैंपस में आकर जांच की थी, तब यह साबित हो गया था कि कैंपस में उन दिनों बहुत अधिक गंदगी फैली थी, जब छात्र बीमार हुए थे. इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अफसरों ने खूब किरकिरी कराई थी.

जिम्मेदारों पर गिर सकती गाज
छात्रा पाखी की मौत के बाद से पूरे शहर में यह चर्चा जोरों पर है कि किसी भी समय जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार पर गाज गिर सकती है. पाखी के अलावा जो छात्र बीमार हुए थे, उन्होंने भी सभी प्रशासनकि अफसरों से कई दिनों पहले बताया था कि कैंपस में गंदगी का अंबार है.

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