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बिकरू कांड: शहीद सीओ के रिश्तेदार ने FIR पर उठाए सवाल

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Published : Aug 11, 2020, 8:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार के. के. दुबे ने एफआईआर पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने विधि विशेषज्ञों से एफआईआर का दोबारा परीक्षण कराने की मांग की है.

kanpur encounter
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के पिता

कानपुर: बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड मामले में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार ने एफआईआर पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जिस मामले में खुद वादी ही आरोपी है उस पर कैसे विश्वास कर सकते हैं. शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार के. के. दुबे ने विधि विशेषज्ञों से एफआईआर का दोबारा परीक्षण कराने की मांग की है.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार.

बिकरू कांड को लेकर चौबेपुर थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच में खुद विनय तिवारी संदिग्ध पाए गए और अभी वह गिरफ्तार कर जेल भी भेजे जा चुके हैं. अब ऐसे में रिश्तेदार के. के. दुबे का कहना है कि जब एफआईआर लिखने वाला ही खुद आरोपी है, तब उस एफआईआर पर हम लोग कैसे भरोसा करें. उस एफआईआर पर हमें न्याय मिलने की कम ही संभावनाएं हैं. उस एफआईआर में आरोपी पर समुचित धाराएं नहीं लगाई गई हैं.

2 जुलाई को दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे, उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए विकास दुबे समेत छह आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया था. अब तक कई लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कानपुर: बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों के हत्याकांड मामले में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार ने एफआईआर पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जिस मामले में खुद वादी ही आरोपी है उस पर कैसे विश्वास कर सकते हैं. शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार के. के. दुबे ने विधि विशेषज्ञों से एफआईआर का दोबारा परीक्षण कराने की मांग की है.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के रिश्तेदार.

बिकरू कांड को लेकर चौबेपुर थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच में खुद विनय तिवारी संदिग्ध पाए गए और अभी वह गिरफ्तार कर जेल भी भेजे जा चुके हैं. अब ऐसे में रिश्तेदार के. के. दुबे का कहना है कि जब एफआईआर लिखने वाला ही खुद आरोपी है, तब उस एफआईआर पर हम लोग कैसे भरोसा करें. उस एफआईआर पर हमें न्याय मिलने की कम ही संभावनाएं हैं. उस एफआईआर में आरोपी पर समुचित धाराएं नहीं लगाई गई हैं.

2 जुलाई को दबिश देने गई पुलिस टीम पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे, उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए विकास दुबे समेत छह आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया था. अब तक कई लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

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