केस एक : बीते कुछ महीने पहले ही गोविंद नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक मामला सामने आया था, जहां दो पुलिसकर्मियों ने एक व्यापारी का अपहरण कर लिया था. जब यह पूरा मामला पुलिस आयुक्त के संज्ञान में आया तो उन्होंने दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही के आदेश देते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया था.
केस दो : कमिश्नरेट पुलिस के थाना नौबस्ता क्षेत्र अंतर्गत भी एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया था, जहां गश्त के दौरान डायल 112 के दो पुलिसकर्मियों ने एक महिला के घर में बदनियति से घुसकर उसके साथ छेड़खानी करने का प्रयास किया था. पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें महिला और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई तक हुई थी.
केस तीन : शहर के सचेंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन पुलिसकर्मियों द्वारा एक व्यापारी के साथ 5.30 लाख रुपये की लूट की गई. इस गंभीर मामले को संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए, सभी को निलंबित कर दिया था. वहीं एक सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त कर दिया गया था.
कानपुर : उक्त तीन केस तो महज बानगी भर हैं. पिछले एक साल में शहर के अंदर कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें पुलिसकर्मियों ने ही अपराध कर दिया. इससे आला अफसरों की साख गिरी तो उन्होंने भी अब ऐसे दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जनपद से बाहर भेजने का फैसला किया है. जो पुलिसकर्मी खाकी की छवि धूमिल कर रहे हैं उनका थानावार रिकार्ड तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं, इन पुलिसकर्मियों का सहयोग करने वाले लोगों के खिलाफ भी शिकंजा कसने की पूरी तैयारी है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि शहर में सभी थानों से ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची मांगी गई है, जिनका कोई क्राइम रिकार्ड रहा है. ऐसे कर्मियों की जानकारी मुख्यालय को भेजेंगे, इसके बाद सभी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी.