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कौन हैं गैंगस्टर विकास के सगे नेता, जिन्हें जय वाजपेयी भी जानता है...

विकास दुबे के खजांची जयकांत वाजपेयी को कानपुर पुलिस ने आज कानपुर देहात कोर्ट में पेश किया. गेट नंबर दो से जय वाजपेयी को कोर्ट पहुंचाया गया, लेकिन इससे पहले जय वाजपेयी ने बयान दिया कि कई नेताओं, कैबिनेट मिनिस्टर के संबंध विकास दुबे के साथ थे. इसीलिए विकास दुबे का एनकाउंटर करवा दिया गया. इस बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर सूबे की सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.

जय वाजपेयी.
जय वाजपेयी.
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Published : Jul 20, 2020, 10:37 PM IST

कानपुर: बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के आरोपी विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी को माती कोर्ट से जेल भेज दिया गया. इससे पहले कानपुर देहात के कोर्ट में पेशी के दौरान जयकांत वाजपेयी ने दावा किया कि विकास दुबे के राजनीतिक दलों से गहरे संबंध थे, इसलिए पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया. विकास दुबे के साथ अपने संबंधों को उसने पुलिस की कहानी करार दिया. उसने पुलिस पर उसकी संपत्ति का गलत आकलन पेश करने का आरोप भी लगाया. उसका कहना है कि उसके मकान की कीमत 50 लाख है, जिसे करोड़ों का बताया जा रहा है. उसने बताया कि उसके परिवार के 5 मकान हैं, सिर्फ उसके नहीं. उसका दावा है कि पुलिस उसे झूठे मामलों में फंसा रही है.

विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी ने लगाए कई गंभीर आरोप.

बता दें कि बिकरू में वारदात के बाद ही कारोबारी जय वाजपेयी की तस्वीरें गैंगस्टर विकास दुबे के साथ वायरल हुई थी. इसी से उसकी विकास दुबे से नजदीकी का अंदाजा लगाया गया.

पुलिस ने दावा किया था कि जय विकास दुबे जैसे क्रिमिनल की अकूत काली कमाई को इन्वेस्ट करने और करोड़ों की मनी-लॉन्ड्रिंग का जिम्मा जय के पास ही था. इस कारण जय के बयान की अहमियत और बढ़ गई, जिसमें उसने राजनीतिक दलों से विकास के रिश्ते का जिक्र किया. खुद जय ने सोमवार को कानपुर कोर्ट के बाहर मीडिया को बताया कि उन्नाव से लखनऊ तक राजनीतिक गलियारे में विकास दुबे की पहुंच थी. उसने कहा कि सत्ताधारी, विपक्षी, जिले के बड़े नेता यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी इस मामले में मिले हुए हैं. सभी बड़े नेता विकास दुबे से मिले हुए थे. किसी का नाम नहीं लेना चाहते. कई सत्ताधारी नेता और विधायक विकास से मिले हुए थे. इसलिए उसको मार दिया गया.

बता दें पुलिस ने रविवार को जय वाजपेयी और उसके एक साथी प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्बू को गिरफ्तार किया था. दरअसल जय और डब्बू बीती दो जुलाई को घटना से पहले विकास के फोन करने पर बिकरू गए थे. पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने विकास दुबे को दो लाख रुपये और रिवॉल्वर के 25 कारतूस देकर घटना को अंजाम देने में मदद की थी.

बिकरू हत्याकांड मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी को पुलिस ने बिकरू गांव से 19 जून को भले ही गिरफ्तार किया हो, उससे बिकरू में वारदात के बाद से ही पूछताछ की जा रही है. रविवार देर शाम पुलिस ने जय वाजपेयी को छोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद उसे दोबारा हिरासत में लिया गया और फिर गिरफ्तार भी कर लिया.

बता दें कि जब पुलिस विकास दुबे की तलाश में जुटी थी. तब पुलिस को काकादेव थाना क्षेत्र के विजय नगर इलाके में तीन लावारिस लग्जरी गाड़ियां बरामद हुईं थीं. काले रंग की तीनों गाड़ियों में नम्बर प्लेट नहीं लगी हुई थी. पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये गाड़ियां कानपुर के कारोबारी जय वाजपेयी की हैं.

पॉलिटिकल कनेक्शन तो था
विकास दुबे के संबंध कई राजनीतिक दलों के नेताओं से रहे. जय वाजपेयी ने नाम तो नहीं बताया मगर वायरल हो रहे फोटो का हवाला देकर बता दिया कि विकास दुबे का पॉलिटिकल कनेक्शन तो जरूर था. साल 2001 में दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के बाद जिस तरह उसे क्लीन चिट मिली थी, लोग इसे राजनीतिक संबंधों का नतीजा ही मानते रहे. जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जीत भी उसकी राजनीतिक रिश्तों को पुख्ता ही करती रही.

कब क्या हुआ

2 जुलाई : बिकरू में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गोलीबारी, 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

3 जुलाई : 8 पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पुलिस की 100 टीमें यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश में सक्रिय हुई.

3 जुलाई : विकास दुबे के दो साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए

4 जुलाई : बिकरू गांव में विकास का घर ध्वस्त किया गया.

6 जुलाई : एसटीएफ ने जय वाजपेयी को हिरासत में लिया.

8 जुलाई : 50 हजार इनामी श्यामू वाजपेयी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया

8 जुलाई : हमीरपुर में विकास दुबे का खास गुर्गा अमर दुबे मुठभेड़ में मारा गया

9 जुलाई : कानपुर में विकास का गुर्गा प्रभात मिश्रा एनकाउंटर में ढेर

9 जुलाई : उज्जैन के महाकाल मंदिर में विकास दुबे दर्शन करने जा पहुंचा.वहां पकड़े जाने पर उसने चिल्लाकर कहा था- मैं विकास हूं, कानपुर वाला...

10 जुलाई : विकास को लेकर एसटीएफ की टीम कानपुर पहुंची. कानपुर नगर के भौती के पास विकास की गाड़ी पलट गई है. जहां विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर भागने की कोशिश की, फिर वह एनकाउंटर में मारा गया.

12 जुलाई : विकास दुबे के साथी जिला पंचायत सदस्य अरविंद त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू को महाराष्ट्र गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही उसके शूटर शशिकांत पांडे को गिरफ्तार किया गया.

19 जुलाई : कानपुर हत्याकांड मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी और प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को पुलिस ने बिकरू गांव से गिरफ्तार किया है.

20 जुलाई : पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोपियों में से एक शशिकांत की पत्नी मनु पांडे को पुलिस ने हिरासत में लिया.

20 जुलाई : औरैया से अपहरण किए गए व्यापारी अमित दुबे को आज यानी सोमवार को मथुरा जिले में पाया गया. अमित दुबे को पुलिस ने सड़क पर गिरा हुआ पाया. कानपुर कांड के बाद 5 जुलाई को औरैया में व्यापारी अमित दुबे की गाड़ी मिली थी. इसके बाद से अमित लापता हो गया था.

कानपुर: बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के आरोपी विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी को माती कोर्ट से जेल भेज दिया गया. इससे पहले कानपुर देहात के कोर्ट में पेशी के दौरान जयकांत वाजपेयी ने दावा किया कि विकास दुबे के राजनीतिक दलों से गहरे संबंध थे, इसलिए पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया. विकास दुबे के साथ अपने संबंधों को उसने पुलिस की कहानी करार दिया. उसने पुलिस पर उसकी संपत्ति का गलत आकलन पेश करने का आरोप भी लगाया. उसका कहना है कि उसके मकान की कीमत 50 लाख है, जिसे करोड़ों का बताया जा रहा है. उसने बताया कि उसके परिवार के 5 मकान हैं, सिर्फ उसके नहीं. उसका दावा है कि पुलिस उसे झूठे मामलों में फंसा रही है.

विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी ने लगाए कई गंभीर आरोप.

बता दें कि बिकरू में वारदात के बाद ही कारोबारी जय वाजपेयी की तस्वीरें गैंगस्टर विकास दुबे के साथ वायरल हुई थी. इसी से उसकी विकास दुबे से नजदीकी का अंदाजा लगाया गया.

पुलिस ने दावा किया था कि जय विकास दुबे जैसे क्रिमिनल की अकूत काली कमाई को इन्वेस्ट करने और करोड़ों की मनी-लॉन्ड्रिंग का जिम्मा जय के पास ही था. इस कारण जय के बयान की अहमियत और बढ़ गई, जिसमें उसने राजनीतिक दलों से विकास के रिश्ते का जिक्र किया. खुद जय ने सोमवार को कानपुर कोर्ट के बाहर मीडिया को बताया कि उन्नाव से लखनऊ तक राजनीतिक गलियारे में विकास दुबे की पहुंच थी. उसने कहा कि सत्ताधारी, विपक्षी, जिले के बड़े नेता यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी इस मामले में मिले हुए हैं. सभी बड़े नेता विकास दुबे से मिले हुए थे. किसी का नाम नहीं लेना चाहते. कई सत्ताधारी नेता और विधायक विकास से मिले हुए थे. इसलिए उसको मार दिया गया.

बता दें पुलिस ने रविवार को जय वाजपेयी और उसके एक साथी प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्बू को गिरफ्तार किया था. दरअसल जय और डब्बू बीती दो जुलाई को घटना से पहले विकास के फोन करने पर बिकरू गए थे. पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने विकास दुबे को दो लाख रुपये और रिवॉल्वर के 25 कारतूस देकर घटना को अंजाम देने में मदद की थी.

बिकरू हत्याकांड मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी को पुलिस ने बिकरू गांव से 19 जून को भले ही गिरफ्तार किया हो, उससे बिकरू में वारदात के बाद से ही पूछताछ की जा रही है. रविवार देर शाम पुलिस ने जय वाजपेयी को छोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद उसे दोबारा हिरासत में लिया गया और फिर गिरफ्तार भी कर लिया.

बता दें कि जब पुलिस विकास दुबे की तलाश में जुटी थी. तब पुलिस को काकादेव थाना क्षेत्र के विजय नगर इलाके में तीन लावारिस लग्जरी गाड़ियां बरामद हुईं थीं. काले रंग की तीनों गाड़ियों में नम्बर प्लेट नहीं लगी हुई थी. पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये गाड़ियां कानपुर के कारोबारी जय वाजपेयी की हैं.

पॉलिटिकल कनेक्शन तो था
विकास दुबे के संबंध कई राजनीतिक दलों के नेताओं से रहे. जय वाजपेयी ने नाम तो नहीं बताया मगर वायरल हो रहे फोटो का हवाला देकर बता दिया कि विकास दुबे का पॉलिटिकल कनेक्शन तो जरूर था. साल 2001 में दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के बाद जिस तरह उसे क्लीन चिट मिली थी, लोग इसे राजनीतिक संबंधों का नतीजा ही मानते रहे. जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जीत भी उसकी राजनीतिक रिश्तों को पुख्ता ही करती रही.

कब क्या हुआ

2 जुलाई : बिकरू में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गोलीबारी, 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

3 जुलाई : 8 पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पुलिस की 100 टीमें यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश में सक्रिय हुई.

3 जुलाई : विकास दुबे के दो साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए

4 जुलाई : बिकरू गांव में विकास का घर ध्वस्त किया गया.

6 जुलाई : एसटीएफ ने जय वाजपेयी को हिरासत में लिया.

8 जुलाई : 50 हजार इनामी श्यामू वाजपेयी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया

8 जुलाई : हमीरपुर में विकास दुबे का खास गुर्गा अमर दुबे मुठभेड़ में मारा गया

9 जुलाई : कानपुर में विकास का गुर्गा प्रभात मिश्रा एनकाउंटर में ढेर

9 जुलाई : उज्जैन के महाकाल मंदिर में विकास दुबे दर्शन करने जा पहुंचा.वहां पकड़े जाने पर उसने चिल्लाकर कहा था- मैं विकास हूं, कानपुर वाला...

10 जुलाई : विकास को लेकर एसटीएफ की टीम कानपुर पहुंची. कानपुर नगर के भौती के पास विकास की गाड़ी पलट गई है. जहां विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर भागने की कोशिश की, फिर वह एनकाउंटर में मारा गया.

12 जुलाई : विकास दुबे के साथी जिला पंचायत सदस्य अरविंद त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू को महाराष्ट्र गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही उसके शूटर शशिकांत पांडे को गिरफ्तार किया गया.

19 जुलाई : कानपुर हत्याकांड मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी और प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को पुलिस ने बिकरू गांव से गिरफ्तार किया है.

20 जुलाई : पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोपियों में से एक शशिकांत की पत्नी मनु पांडे को पुलिस ने हिरासत में लिया.

20 जुलाई : औरैया से अपहरण किए गए व्यापारी अमित दुबे को आज यानी सोमवार को मथुरा जिले में पाया गया. अमित दुबे को पुलिस ने सड़क पर गिरा हुआ पाया. कानपुर कांड के बाद 5 जुलाई को औरैया में व्यापारी अमित दुबे की गाड़ी मिली थी. इसके बाद से अमित लापता हो गया था.

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