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अब गूगल ट्रांसलेट छोड़िये, अनुवादिनी टूल से 27 भाषाओं का आसानी से करें ट्रांसलेट - Anuvadini translation

सीएसजेएमयू में आयोजित भाषा उत्सव कार्यक्रम (language festival in csjmu) में एआईसीटीई के मुख्य समन्वयक डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर ने लोगों को अनुवादिनी टूल (Anuvadini Language translation) की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस टूल की मदद से किसी भी लाइव वीडियो को हम अपनी भाषा में बदल सकते हैं.

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DICTE के मुख्य समन्वय डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 6:00 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 6:21 PM IST

कानपुर: शहर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर भाषा उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के मुख्य समन्वयक डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अब पल भर में आपको अनुवाद से जुड़ी कोई जानकारी हासिल करनी है, तो गूगल ट्रांसलेट के बजाय आप अनुवादिनी टूल का उपयोग कर सकेंगे.


उन्होंने बताया कि यह टूल आपकी भाषा से संबंधित हर तरह की दिक्कतों को दूर कर सकता है. 500 पेज के आर्डर को भी वह कम से कम शब्दों में आपको बता सकता है. इसके अलावा अनपढ़ लोग भी इस टूल का प्रयोग करके अपने किसी भी फॉर्म को भर सकते हैं. यही नहीं इस टूल के माध्यम से आप 27 भाषाओं में अपने कंटेंट को बदल सकते हैं. यह टूल DICTE के मुख्य समन्वय डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर ने तैयार किया है.

अंग्रेजी की किताब देखकर घबरा जाते हैं कुछ लोग: डॉ. चंद्रशेखर ने कहा जब बच्चा अंग्रेजी की पुस्तक देखता है, तो वह घबरा जाता है. ऐसे में वह मानसिक तनाव में रहता है, फिर उसकी पढ़ाई के प्रति रुचि कम होने लगती है. ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए इस टूल को तैयार किया गया है. एक छात्र अपनी पुस्तक को टूल के माध्यम से कॉपी कर सकता है. वह जिस भाषा में पढ़ाना चाहे, उसे उस भाषा में कॉपी करके आगे की पढ़ाई को पूरा कर सकता है. हमने सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए इस टूल को तैयार किया है.

हर भाषा में राम मंदिर के भाषण को सुन सकते हैं: डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि इस टूल की खास बात यह भी है कि इसमें किसी भी लाइव वीडियो को हम अपनी भाषा में बदल सकते हैं. जैसे की 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मोदी जी का जो भाषण होगा, उसे इस ऐप के माध्यम से एक साथ लगभग 2 लाख लोग आराम से देख सकते हैं, जहां पर भी लाइव चल रहा है, उसके लिंक को कॉपी करके हम जैसे ही अनुवादनी टूल में जाकर उसे डालेंगे, तो वह आपकी भाषा में दिखने लगेगा.

इसे भी पढ़े-विश्व हिंदी दिवस पर सीएसजेएमयू में भाषा उत्सव, अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा आयेंगे

अनपढ़ लोग भी अब भर सकेंगे फॉर्म: डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे लगता है कि जो ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं, वह खुद सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि उन्हें फॉर्म भरना नहीं आता है. ऐसे में उनकी सुविधा को देखते हुए इस टूल में ऐसी व्यवस्था की है कि आप सुनकर के और बोल करके अपने पूरे फॉर्म को भर सकते हैं. फार्म खुद ही आपसे पूछता जाएगा और आप जब बोलेंगे तो फार्म अपने आप उस चीज को भरता जाएगा.

यूजर्स की संख्या 5 लाख के पार पहुंची: डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि तीन माह पूर्व इस टूल को शुरू किया गया है. 3 माह के अंदर 5 लाख के ऊपर यूजर हो गए हैं. इस टूल की खास बात है कि इसमें दो लाख लोग एक साथ किसी लाइव वीडियो को देख सकते हैं.

आधुनिक तकनीक का किया गया प्रयोग: उन्होंने बताया कि इस टूल को बनाने में एडवांस डीप लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. इसकी खास बात यह है कि यह ट्रांसलेट करने के साथ-साथ इसमें 90% भाषा शुद्ध मिलती है. आप जिस फॉर्मेट में अपनी पुस्तक को अपलोड करेंगे. उसी फॉर्मेट में आपको अपनी भाषा में हर चीज मिल जाएगी. कहने का मतलब है कि केवल टैक्स ही नहीं बदलेगा, बल्कि पूरी कॉपी को वह आपकी भाषा में दिखने लगेगा. चाहे उसमें फोटो बनी हो, या फिर किसी भी प्रकार की सारणी बनी हो.

यह भी पढ़े-छत्रपति शाहू जी महाराज विविः चैलेंज इवैल्युश्न व्यवस्था समाप्त करने से नाराज छात्रों ने किया हंगामा, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

कानपुर: शहर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर भाषा उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के मुख्य समन्वयक डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अब पल भर में आपको अनुवाद से जुड़ी कोई जानकारी हासिल करनी है, तो गूगल ट्रांसलेट के बजाय आप अनुवादिनी टूल का उपयोग कर सकेंगे.


उन्होंने बताया कि यह टूल आपकी भाषा से संबंधित हर तरह की दिक्कतों को दूर कर सकता है. 500 पेज के आर्डर को भी वह कम से कम शब्दों में आपको बता सकता है. इसके अलावा अनपढ़ लोग भी इस टूल का प्रयोग करके अपने किसी भी फॉर्म को भर सकते हैं. यही नहीं इस टूल के माध्यम से आप 27 भाषाओं में अपने कंटेंट को बदल सकते हैं. यह टूल DICTE के मुख्य समन्वय डॉ. बुद्ध चंद्रशेखर ने तैयार किया है.

अंग्रेजी की किताब देखकर घबरा जाते हैं कुछ लोग: डॉ. चंद्रशेखर ने कहा जब बच्चा अंग्रेजी की पुस्तक देखता है, तो वह घबरा जाता है. ऐसे में वह मानसिक तनाव में रहता है, फिर उसकी पढ़ाई के प्रति रुचि कम होने लगती है. ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए इस टूल को तैयार किया गया है. एक छात्र अपनी पुस्तक को टूल के माध्यम से कॉपी कर सकता है. वह जिस भाषा में पढ़ाना चाहे, उसे उस भाषा में कॉपी करके आगे की पढ़ाई को पूरा कर सकता है. हमने सबका साथ सबका विकास को ध्यान में रखते हुए इस टूल को तैयार किया है.

हर भाषा में राम मंदिर के भाषण को सुन सकते हैं: डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि इस टूल की खास बात यह भी है कि इसमें किसी भी लाइव वीडियो को हम अपनी भाषा में बदल सकते हैं. जैसे की 22 जनवरी को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मोदी जी का जो भाषण होगा, उसे इस ऐप के माध्यम से एक साथ लगभग 2 लाख लोग आराम से देख सकते हैं, जहां पर भी लाइव चल रहा है, उसके लिंक को कॉपी करके हम जैसे ही अनुवादनी टूल में जाकर उसे डालेंगे, तो वह आपकी भाषा में दिखने लगेगा.

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अनपढ़ लोग भी अब भर सकेंगे फॉर्म: डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे लगता है कि जो ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं, वह खुद सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि उन्हें फॉर्म भरना नहीं आता है. ऐसे में उनकी सुविधा को देखते हुए इस टूल में ऐसी व्यवस्था की है कि आप सुनकर के और बोल करके अपने पूरे फॉर्म को भर सकते हैं. फार्म खुद ही आपसे पूछता जाएगा और आप जब बोलेंगे तो फार्म अपने आप उस चीज को भरता जाएगा.

यूजर्स की संख्या 5 लाख के पार पहुंची: डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि तीन माह पूर्व इस टूल को शुरू किया गया है. 3 माह के अंदर 5 लाख के ऊपर यूजर हो गए हैं. इस टूल की खास बात है कि इसमें दो लाख लोग एक साथ किसी लाइव वीडियो को देख सकते हैं.

आधुनिक तकनीक का किया गया प्रयोग: उन्होंने बताया कि इस टूल को बनाने में एडवांस डीप लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. इसकी खास बात यह है कि यह ट्रांसलेट करने के साथ-साथ इसमें 90% भाषा शुद्ध मिलती है. आप जिस फॉर्मेट में अपनी पुस्तक को अपलोड करेंगे. उसी फॉर्मेट में आपको अपनी भाषा में हर चीज मिल जाएगी. कहने का मतलब है कि केवल टैक्स ही नहीं बदलेगा, बल्कि पूरी कॉपी को वह आपकी भाषा में दिखने लगेगा. चाहे उसमें फोटो बनी हो, या फिर किसी भी प्रकार की सारणी बनी हो.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 6:21 PM IST
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