कानपुरः पति की दीर्घायु के लिए गुरुवार महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखेगी. ज्योतिषियों की माने तो करवा चौथ की रात करीब 8:20 बजे चंद्रदेव रोहिणी नक्षत्र में उदित होंगे. ऐसा मौका 70 साल बाद आया है. मान्यता है कि रोहिणी चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी है. इस कारण रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त में पूजन का समय
ज्योतिषी डॉ. प्रीति अग्निहोत्री और ज्योतिषी स्वाती सक्सेना के मुताबिक इस बार काफी शुभ संयोग पड़ रहा है. 70 साल बाद करवाचौथ की रात चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होने जा रहा है. करवा चौथ के दिन दोपहर 3:23 बजे कृतिका नक्षत्र खत्म हो रहा है और रोहिणी नक्षत्र शुरू हो रहा है. इस दिन सुबह माता पार्वती से सौभाग्य की प्रार्थना कर उन्हें सिंदूर अर्पित करें. भगवान शिव, गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा से दीर्घ और मधुर दांपत्य जीवन की कामना करें. रात में पति के हाथ से ही व्रत का पारण करें. शुभ मुहूर्त में पूजन का समय शाम 5:46 से 7:02 बजे तक चंद्रोदय- रात 8:20 बजे
करवाचौथ पर बाजारों में छाई रौनक
करवाचौथ के त्योहार के मद्देनजर सराफा-कपड़ा बाजार के अलावा बर्तन बाजार में भी रौनक देखने को मिल रही है. सराफा में जहां चांदी के करवा की मांग है, वहीं, बर्तन बाजार में पीतल के बने करवा की भी काफी डिमांड रही. करवाचौथ के पर्व के लिए बाजार तैयार हो चुके हैं. चौक सराफा कमेटी के प्रवक्ता नीरज दीक्षित ने बताया कि करवाचौथ पर चांदी के करवा की मांग खूब है. इसके अलावा हल्की ज्वैलरी की मांग भी सबसे ज्यादा है.
सोना-चांदी के भाव में बढ़ोतरी
सोना-चांदी के भाव अधिक होने से कम भार वाली अंगूठी, मंगलसूत्र बाजार में आए हैं. बुलियन कारोबारी कैलाश नाथ अग्रवाल ने बताया कि बाजार बढ़ने लगा है. करवा चौथ के अलावा धनतेरस की ग्राहकी भी बाजार में आ रही है. ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार खरीदारी कर रहा है. वहीं श्री बर्तन व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष ईश्वर चंद्र वर्मा ने बताया कि अलग-अलग डिजाइन वाले पीतल के करवा की मांग अच्छी है. लइया-गट्टा की दुकानें और खील-खिलौना के बाजार भी सज गया है.
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