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कानपुर में किडनी मरीजों को मिलेगा उच्चस्तरीय इलाज - ऑपेरशन थियेटर

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए मेडिसिन विभाग में 30 बेड की नेफ्रोलॉजी यूनिट जल्द बनाई जाएगी. इसे लेकर हैलट परिसर स्थित मेडिसिन विभाग में तैयारी चल रही है.

हैलट अस्पताल में किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों का इलाज होगा शुरू
हैलट अस्पताल में किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों का इलाज होगा शुरू
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Published : Dec 21, 2020, 3:11 PM IST

कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही नेफ्रोलॉजी यूनिट शुरू किया जाएगा. इस यूनिट को लेकर मेडिसिन विभाग में तैयारी चल रही है. यूनिट की जिम्मेदारी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. युवराज गुलाटी संभालेंगे. यूनिट के शुरु होने के बाद कानपुरवासियों को किडनी से जुड़ी बीमारियों के लिए बाहर नहीं जाना होगा. सभी का इलाज यहीं पर किया जाएगा.

30 बेड की नेफ्रोलॉजी यूनिट जल्द होगी शुरू

मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि डॉ. युवराज गुलाटी के ज्वाइन करने के बाद उन्हें अलग नेफ्रोलॉजी यूनिट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. किडनी में स्टोन और डायलिसिस की अत्याधुनिक व्यवस्था भी की जा रही है. इसके लिए मेडिसिन विभाग में 30 बेड की नेफ्रोलॉजी यूनि़ट जल्द बनाई जाएगी. इसमें 6 बेड का एक आइसीयू भी तैयार किया जाएगा. इस यूनिट में ऑपेरशन थिएटर भी बनाया जाएगा.

मरीजों को कार्डियोलॉजी नहीं भेजा जाएगा

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आर बी कमल ने बताया कि अभी मेडिकल कॉलेज के पास सिर्फ 6 डायलिसिस मशीनें हैं. नेफ्रोलॉजी यूनिट बनने के बाद डायलिसिस मशीनों की संख्या 20 कर दी जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि किडनी के मरीजों की डायलिसिस शुरू होने से पहले फिश्च्यूला बनाना पड़ता है. इसके लिए उन्हें कार्डियोलॉजी भेजा जाता था. लेकिन इस विभाग के बनने के बाद मरीजों का वहां जाना बंद हो जाएगा.

कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही नेफ्रोलॉजी यूनिट शुरू किया जाएगा. इस यूनिट को लेकर मेडिसिन विभाग में तैयारी चल रही है. यूनिट की जिम्मेदारी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. युवराज गुलाटी संभालेंगे. यूनिट के शुरु होने के बाद कानपुरवासियों को किडनी से जुड़ी बीमारियों के लिए बाहर नहीं जाना होगा. सभी का इलाज यहीं पर किया जाएगा.

30 बेड की नेफ्रोलॉजी यूनिट जल्द होगी शुरू

मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. रिचा गिरी ने बताया कि डॉ. युवराज गुलाटी के ज्वाइन करने के बाद उन्हें अलग नेफ्रोलॉजी यूनिट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. किडनी में स्टोन और डायलिसिस की अत्याधुनिक व्यवस्था भी की जा रही है. इसके लिए मेडिसिन विभाग में 30 बेड की नेफ्रोलॉजी यूनि़ट जल्द बनाई जाएगी. इसमें 6 बेड का एक आइसीयू भी तैयार किया जाएगा. इस यूनिट में ऑपेरशन थिएटर भी बनाया जाएगा.

मरीजों को कार्डियोलॉजी नहीं भेजा जाएगा

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आर बी कमल ने बताया कि अभी मेडिकल कॉलेज के पास सिर्फ 6 डायलिसिस मशीनें हैं. नेफ्रोलॉजी यूनिट बनने के बाद डायलिसिस मशीनों की संख्या 20 कर दी जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि किडनी के मरीजों की डायलिसिस शुरू होने से पहले फिश्च्यूला बनाना पड़ता है. इसके लिए उन्हें कार्डियोलॉजी भेजा जाता था. लेकिन इस विभाग के बनने के बाद मरीजों का वहां जाना बंद हो जाएगा.

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