कानपुर: जिले के बहुचर्चित संजीत अपहरण हत्याकांड में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. जांच में पाया गया कि 22 जून को पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव का अपहरण कर लिया गया था. जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर आरोप भी लगाए हैं.
परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. उनकी बात नहीं सुनी जा रही है, अब करीबन 1 महीने बाद इस अपहरण कांड का दुखद अंत हुआ है. संजीत यादव की हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया गया है. पुलिस ने आज इस बात की पुष्टि की और हत्या आरोपियों महिला समेत पांच को गिरफ्तार भी किया है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की उसके दोस्तों ने ही अपहरण के बाद हत्या कर दी और शव पांडु नदी में फेंक दिया. गुरुवार देर रात पुलिस ने दो दोस्तों समेत चार युवकों और एक युवती को गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 26 जून को ही हत्या कर शव पांडु नदी में फेंक दिया था. अपहरण फिरौती के लिए किया गया था. पुलिस ने संजीत की बाइक बरामद कर ली है और पुलिस शव तलाश में लगी हुई है. जिसके लिए जल पुलिस को तैनात किया गया है.
इस घटना की पूरी साजिश कुलदीप ने रची थी और उसका साथ ज्ञानेंद्र रामजी शुक्ला और तीन और दोस्तों ने किया था. कुलदीप ने अपनी महिला मित्र को पत्नी बनाकर रतनलाल नगर में किराए पर मकान लिया और वहां पर संजीत को रखा गया. यह लोग उसे नींद के इंजेक्शन देते क्योंकि उनको संजीत जानता था इसलिए उसकी हत्या कर दी गई.
हालांकि आरोपियों ने फिरौती की रकम मिलने से इनकार किया है. जिसके बाद कानपुर पुलिस पर एक और सवालिया निशान खड़ा होता है कि आखिरकार परिजनों का जो आरोप है कि उन्होंने फिरौती के 30 लाख रुपये दिए तो वह रुपये कहां गए. पुलिस अभी इसका सही जवाब नहीं दे पा रही है बस जांच की बात कह रही है.