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UP International Trade Show: GI पवेलियन में दिखेगा कानपुर का चमड़ा उत्पाद, विदेश से कारोबार विस्तार की आस

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 9:13 PM IST

ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कानपुर का सैडलरी (चमड़ा उत्पाद) प्रस्तुति किया जाएगा. पिछले दो सालों से सैडलरी कारोबार में घाटा उठा रहे निर्यातकों को इससे उम्मीद बढ़ी है.

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कानपुर: सूबे में बनने वाले तरह-तरह के उत्पादों को देश के साथ ही दुनिया के बाजारों में पसंद किया जा सके. इसके लिए सरकार ने हर जिले से एक उत्पाद को चयनित कर उसे जीआई टैग यानी ज्योग्राफिकल इंडीकेशन का लोगो दिया. सरकार के विशेषज्ञों का दावा था कि इससे उत्पाद की गुणवत्ता को आयातक पसंद करेंगे और निर्यातकों को मनचाहा दाम मिल सकेगा. अब, इन्हीं उत्पादों को (30 से 35 प्रकार) सरकार की ओर से पहली बार एक विशेष तरह की बनाई गई जीआई पवेलियन में प्रदर्शित किया जाएगा.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में सरकार की ओर से पहली बार 21 से 25 सितंबर तक रिवर्स बायर सेलर मीट एट यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित हो रहा है. जिसमें जीआई पवेलियन बनाई जाएगी. इस पवेलियन में कानपुर से सैडलरी (चमड़ा उत्पाद) को प्रदर्शित किया जाएगा. माना जा रहा है पिछले दो सालों से लगातार जो सैडलरी के कारोबार में निर्यातकों को झटका लगा है. उससे उन्हें अपने कारोबार विस्तार का मौका मिल सकता है.

2021-22 में 1700 करोड़ का हुआ था कारोबार: फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी दुनिया में कानपुर के सैडलरी की एक विशेष पहचान है. साल 2021-22 में सैडलरी का सालाना कारोबार का आंकड़ा 1700 करोड़ रुपये के पार था.लेकिन 2022-23 में इस कारोबार का ग्राफ नीचे आया और यह आंकड़ा 1400 करोड़ के आसपास सिमट कर रह गया. वहीं, इस साल निर्यातकों को कोई खास मुनाफा नहीं हुआ है. इसलिए निर्यातक चाह रहे हैं कि जो विदेशी आयातक इस शो में आएंगे उनसे वह अपने कारोबार को लेकर सीधे संवाद करें और आर्डर ले सकें.

600 से 800 आयातक आएंगे: पिछले पांच सालों में अगर सूबे के निर्यात कारोबार संबंधी आंकड़ों को देखें तो इसका ग्राफ लगातार ऊपर गया है. मगर, रुस-यूक्रेन युद्ध, तुर्किए में भूकंप समेत अन्य त्रासदियों के चलते विदेशी बाजारों में जो आर्थिक संकट आया, उसका असर कानपुर के कारोबार पर भी दिखा. ऐसे में इस शो के जरिए यूपी को अच्छा कारोबार मिल सकता है. इस शो में जहां सूबे से करीब 2000 निर्यातक शामिल होंगे, तो वहीं 600 से 800 विदेशी आयातकों के पहुंचने की भी ठोस उम्मीद है.


यूपी के निर्यात कारोबार की स्थिति
2018-2019 -1,14,042 करोड़ रुपये
2019-2020 -1,14,056 करोड़ रुपये
2020-2021 -1,21,139 करोड़ रुपये
2021-2022 -1,56,897 करोड़ रुपये
2022-2023 -1,74,037 करोड़ रुपये

इसे भी पढ़ें-बंजर जमीन को खेती योग्य बनाएंगे आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ, प्रोफेसर ने तैयार किया विशेष प्लान


कानपुर: सूबे में बनने वाले तरह-तरह के उत्पादों को देश के साथ ही दुनिया के बाजारों में पसंद किया जा सके. इसके लिए सरकार ने हर जिले से एक उत्पाद को चयनित कर उसे जीआई टैग यानी ज्योग्राफिकल इंडीकेशन का लोगो दिया. सरकार के विशेषज्ञों का दावा था कि इससे उत्पाद की गुणवत्ता को आयातक पसंद करेंगे और निर्यातकों को मनचाहा दाम मिल सकेगा. अब, इन्हीं उत्पादों को (30 से 35 प्रकार) सरकार की ओर से पहली बार एक विशेष तरह की बनाई गई जीआई पवेलियन में प्रदर्शित किया जाएगा.

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में सरकार की ओर से पहली बार 21 से 25 सितंबर तक रिवर्स बायर सेलर मीट एट यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित हो रहा है. जिसमें जीआई पवेलियन बनाई जाएगी. इस पवेलियन में कानपुर से सैडलरी (चमड़ा उत्पाद) को प्रदर्शित किया जाएगा. माना जा रहा है पिछले दो सालों से लगातार जो सैडलरी के कारोबार में निर्यातकों को झटका लगा है. उससे उन्हें अपने कारोबार विस्तार का मौका मिल सकता है.

2021-22 में 1700 करोड़ का हुआ था कारोबार: फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी दुनिया में कानपुर के सैडलरी की एक विशेष पहचान है. साल 2021-22 में सैडलरी का सालाना कारोबार का आंकड़ा 1700 करोड़ रुपये के पार था.लेकिन 2022-23 में इस कारोबार का ग्राफ नीचे आया और यह आंकड़ा 1400 करोड़ के आसपास सिमट कर रह गया. वहीं, इस साल निर्यातकों को कोई खास मुनाफा नहीं हुआ है. इसलिए निर्यातक चाह रहे हैं कि जो विदेशी आयातक इस शो में आएंगे उनसे वह अपने कारोबार को लेकर सीधे संवाद करें और आर्डर ले सकें.

600 से 800 आयातक आएंगे: पिछले पांच सालों में अगर सूबे के निर्यात कारोबार संबंधी आंकड़ों को देखें तो इसका ग्राफ लगातार ऊपर गया है. मगर, रुस-यूक्रेन युद्ध, तुर्किए में भूकंप समेत अन्य त्रासदियों के चलते विदेशी बाजारों में जो आर्थिक संकट आया, उसका असर कानपुर के कारोबार पर भी दिखा. ऐसे में इस शो के जरिए यूपी को अच्छा कारोबार मिल सकता है. इस शो में जहां सूबे से करीब 2000 निर्यातक शामिल होंगे, तो वहीं 600 से 800 विदेशी आयातकों के पहुंचने की भी ठोस उम्मीद है.


यूपी के निर्यात कारोबार की स्थिति
2018-2019 -1,14,042 करोड़ रुपये
2019-2020 -1,14,056 करोड़ रुपये
2020-2021 -1,21,139 करोड़ रुपये
2021-2022 -1,56,897 करोड़ रुपये
2022-2023 -1,74,037 करोड़ रुपये

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