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पहले फर्जी कागजों से कराते थे लोन, फिर गाड़ी बेचकर ऐसे बांट लेते थे रकम...पढ़िए खबर - यूपी पुलिस की खबर

कानपुर पुलिस को एक ऐसे गैंग को पकड़ने में सफलता मिली है जो बड़े ही शातिर अंदाज में पहले फर्जी कागजों से लोन कराता था फिर उस लोन से खरीदे गए वाहन को बेच डालता था. इस रकम को गैंग के सभी सदस्य बांट लेते थे.

कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.
कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.
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Published : Oct 30, 2021, 8:51 PM IST

कानपुरः पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर बैंकों और ग्राहकों को चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ति की एसओजी टीम ने इस गैंग को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक यह गैंग पहले फर्जी दस्तावेज से वाहनों का लोन बैंकों से पास कराता था, फिर उन वाहनों को कम कीमत पर बेचकर आपस में रकम बांट लेता था. इस गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है और 16 गाड़ियां भी बरामद की हैं. पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगा रही है.

पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को 29 अक्टूबर को गैस प्लांट चौराहा एरिया, पनकी से गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से 16 दोपहिया वाहन बरामद किए गए. पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया शुभम सिंह उर्फ कुनाल व आशीष द्विवेदी प्राइवेट बैंको मे फाइनेंस कराने का काम करते हैं. शिवम मौर्या और अमन गुप्ता ग्राहको को यह लालच देते थे कि 90 हजार की गाड़ी वह 70 हजार में आनरोड दिलवा देंगे. इस लालच में ग्राहक फंस जाते थे और 70 हजार रुपये देकर गाड़ी ले लेते थे. ये गैंग गाड़ी के कागज बाद में देता था. ग्राहक से पहले ही आईडी और आधार कार्ड ले लिया जाता था. शिवम गुप्ता जो कि जन सेवा केंद्र का संचालक है वह फर्जीवाड़ा कर कागज तैयार कर लेता था.

कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.
कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.

ये भी पढ़ेंः कानपुर में जीका वायरस के तीन और मरीज मिले, हड़कंप


पुलिस के मुताबिक 70 हजार रुपये में 20 हजार रुपये डाउन पेमेंट देकर यह गैंग बिना वेरीफिकेशन कराए किस्त बनवा लेता था. इस काम में कुछ बैंककर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है. इसके बाद यह गैंग गाड़ी बेच देता था. ग्राहक से लिए रुपये गैंग के सभी सदस्य आपस में बांट लेते थे. कई वर्षों से यह गैंग यह धंधा चला रहा था. इससे बैंक और ग्राहकों को लाखों का चूना लग चुका है.

कानपुरः पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर बैंकों और ग्राहकों को चूना लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ति की एसओजी टीम ने इस गैंग को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक यह गैंग पहले फर्जी दस्तावेज से वाहनों का लोन बैंकों से पास कराता था, फिर उन वाहनों को कम कीमत पर बेचकर आपस में रकम बांट लेता था. इस गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने दबोचा है और 16 गाड़ियां भी बरामद की हैं. पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगा रही है.

पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को 29 अक्टूबर को गैस प्लांट चौराहा एरिया, पनकी से गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से 16 दोपहिया वाहन बरामद किए गए. पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया शुभम सिंह उर्फ कुनाल व आशीष द्विवेदी प्राइवेट बैंको मे फाइनेंस कराने का काम करते हैं. शिवम मौर्या और अमन गुप्ता ग्राहको को यह लालच देते थे कि 90 हजार की गाड़ी वह 70 हजार में आनरोड दिलवा देंगे. इस लालच में ग्राहक फंस जाते थे और 70 हजार रुपये देकर गाड़ी ले लेते थे. ये गैंग गाड़ी के कागज बाद में देता था. ग्राहक से पहले ही आईडी और आधार कार्ड ले लिया जाता था. शिवम गुप्ता जो कि जन सेवा केंद्र का संचालक है वह फर्जीवाड़ा कर कागज तैयार कर लेता था.

कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.
कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी कागजों से लोन कराकर वाहन बेचने वाला गिरोह.

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पुलिस के मुताबिक 70 हजार रुपये में 20 हजार रुपये डाउन पेमेंट देकर यह गैंग बिना वेरीफिकेशन कराए किस्त बनवा लेता था. इस काम में कुछ बैंककर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है. इसके बाद यह गैंग गाड़ी बेच देता था. ग्राहक से लिए रुपये गैंग के सभी सदस्य आपस में बांट लेते थे. कई वर्षों से यह गैंग यह धंधा चला रहा था. इससे बैंक और ग्राहकों को लाखों का चूना लग चुका है.

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