कानपुर: शहर के परेड चौराहा पर तीन जून 2022 को शाम साढ़े चार बजे अचानक ही कई युवाओं ने पहले पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. इसके कुछ देर बाद वह और अधिक हिंसक हुए और बेखौफ होकर बम फोड़ने लगे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने युवाओं को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित किया और एक-एक करके 55 से अधिक आरोपियों को जेल भेज दिया था. शनिवार को इस घटना के एक साल पूरे हो गए और इस मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से सभी मुख्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जा चुकी है. अब आरोपियों का भाग्य कोर्ट ही तय करेगा. बिकरु कांड के बाद परेड हिंसा मामले की चर्चा सबसे अधिक होती है.
हालांकि, मुख्तार बाबा को कोर्ट से जमानत मिल गई. वहीं, अन्य आरोपी युवकों की तलाश के लिए पुलिस ने परेड चौराहा समेत आसपास के क्षेत्रों में पत्थरबाजों के पोस्टर भी चस्पा किए थे. जो हिंसा की गतिविधियों में एक यादगार वाक्या रहा. संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि परेड हिंसा मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपियों समेत 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. कार्रवाई के दौरान नियमों का पालन किया गया है. अब मामला कोर्ट में है, कोर्ट से ही मुख्य आरोपियों को जल्द सजा सुनाई जाएगी.
यह भी पढे़ं: कानपुर हिंसाः 30 से अधिक उपद्रवियों ने सालों से नहीं दिया गृह कर, अब होगी वसूली