कानपुर: आउटर पुलिस की व्यवस्था (Kanpur outer police system) अपराध रोकने में पूरी तरह से फेल रही. इसके चलते जब कुछ दिनों पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधीनस्थ अफसरों संग कानून व्यवस्था संबंधी बैठक की, तो कानपुर में आउटर पुलिस व्यवस्था को खत्म कर उसे कमिश्नरेट पुलिस (Kanpur Commissionerate Police) में ही समायोजित कर दिया. हालांकि, सीएम के इस फैसले से अब कमिश्नरेट पुलिस की चुनौतियां बढ़ जाएंगी. पुलिस के आला अफसरों के लिए शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध को नियंत्रित करना आसान नहीं होगा. आइए जानते है उन केसों के बारे में जिसने आउटर पुलिस की किरकिरी कराई.
केस एक: बिधनू थाना क्षेत्र की एक चौकी से कुछ दिनों पहले चोरों ने पुलिस की सर्विस रिवाल्वर और कपड़े चोरी कर लिए. चोरों की हिमाकत इतनी अधिक हो गई कि उन्होंने पुलिस को खुलेआम चुनौती दे दी. इस मामले में संबंधित थाना पुलिस की जमकर किरकिरी हुई.
केस दो: सजेती में लखनऊ की टीम ने अवैध खनन का मामला पकड़ा था. आरोपी का मोबाइल पुलिसकर्मियों ने गायब कर दिया था. तब इस मामले में आउटर पुलिस की भद पिटी. हालांकि हाल ही में शासन के आदेश पर 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया.
19 माह की व्यवस्था में 3 कप्तान बदले गए: शहर में जब से आउटर पुलिस व्यवस्था को लागू किया गया था, तब से कुल 19 माह के कार्यकाल में 3 कप्तान बदले गए. IPS अष्टभुजा प्रसाद सिंह को पहला कप्तान बनाया गया था. उनका कार्यकाल महज 7 माह का रहा. इसके बाद जिम्मा IPS अजीत सिन्हा को सौंपा गया. उनका कार्यकाल भी 7 माह का ही रहा. वहीं, पिछले करीब 5 माह से आईपीएस तेज स्वरूप सिंह एसपी आउटर के पद पर काम कर रहे हैं.
इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश में अपराध नियंत्रण के लिए नए सिरे से प्लान बनाएंगे. जिन थाना क्षेत्रों में क्राइम ज्यादा है, वहां कमिश्नरेट पुलिस के तेज-तर्रार अफसरों को लगाया जाएगा. जिस तरह शहर में अपराध नियंत्रित कर रहे हैं, ठीक उसी तर्ज पर आउटर के क्षेत्रों में क्राइम ग्राफ को कम किया जाएगा.
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