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Kanpur news : फर्जी दस्तावेजों से केडीए के प्लाटों की रजिस्ट्री कराने वाले 13 लोगों पर एफआईआर

कानपुर विकास प्राधिकरण में प्लाटों की रजिस्ट्री में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया. केडीए अफसरों की जांच में मामला पकड़ में आ गया. साल 1991 से लेकर 2000 तक ये फर्जीवाड़ा हुआ था.

प्लाटों की रजिस्ट्री में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया
प्लाटों की रजिस्ट्री में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया
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Published : Feb 27, 2023, 12:47 PM IST

कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण में फर्जी दस्तावेजों से प्लाटों की रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है. रविवार को प्राधिकरण के अफसरों ने प्लाटों की रजिस्ट्री के मामले में 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई. शहर के थाना स्वरूप नगर में एफआईआर दर्ज होने के बाद केडीए में खलबली मच गई है. सभी मामले साल 1991 से लेकर वर्ष 2000 के बीच के हैं. वहीं, अब अगले चरण में केडीए अफसरों के निशाने पर तत्कालीन अफसर व कर्मी रहेंगे, जिनके कार्यकाल में यह खेल हुआ.

केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह कहना है जांच में दाेषी पाए जाने पर तत्कालीन अफसराें पर भी कार्रवाई हाेगी. केडीए के विशेष कार्याधिकारी सत शुक्ला ने बताया कि केडीए ने सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है.कोर्ट में मुकदमे भी दाखिल किए गए हैं. उसी क्रम में 13 मामलों में अब तक एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमे लिखाए गए हैं. हर आरोपी को जेल भिजवाएंगे.

केडीए की सख्ती के बाद गड़बड़ी के दौरान तैनात रहे पूर्व कर्मचारियाें और अधिकारियाें में भी खलबली मची हुई है. एक ओर जहां केडीए अफसरों ने जांच में 13 एफआईआर करा दी है, वहीं दूसरी ओर केडीए वीसी की ओर से भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. पिछले एक साल में केडीए अफसरों ने बिठूर, गंगा बैराज समेत अन्य स्थानों पर हजारों वर्गमीटर जमीन को भू-माफिया से कब्जामुक्त कराया है. जहां पर अब, आमजन के लिए आवासीय व व्यावसायिक योजनाएं लाने की तैयारी है.

यह भी पढ़ें : कानपुर में दो पक्षों में मारपीट, एक युवक की मौत, पुलिस ने चार को हिरासत में लिया

कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण में फर्जी दस्तावेजों से प्लाटों की रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है. रविवार को प्राधिकरण के अफसरों ने प्लाटों की रजिस्ट्री के मामले में 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई. शहर के थाना स्वरूप नगर में एफआईआर दर्ज होने के बाद केडीए में खलबली मच गई है. सभी मामले साल 1991 से लेकर वर्ष 2000 के बीच के हैं. वहीं, अब अगले चरण में केडीए अफसरों के निशाने पर तत्कालीन अफसर व कर्मी रहेंगे, जिनके कार्यकाल में यह खेल हुआ.

केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह कहना है जांच में दाेषी पाए जाने पर तत्कालीन अफसराें पर भी कार्रवाई हाेगी. केडीए के विशेष कार्याधिकारी सत शुक्ला ने बताया कि केडीए ने सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है.कोर्ट में मुकदमे भी दाखिल किए गए हैं. उसी क्रम में 13 मामलों में अब तक एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमे लिखाए गए हैं. हर आरोपी को जेल भिजवाएंगे.

केडीए की सख्ती के बाद गड़बड़ी के दौरान तैनात रहे पूर्व कर्मचारियाें और अधिकारियाें में भी खलबली मची हुई है. एक ओर जहां केडीए अफसरों ने जांच में 13 एफआईआर करा दी है, वहीं दूसरी ओर केडीए वीसी की ओर से भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. पिछले एक साल में केडीए अफसरों ने बिठूर, गंगा बैराज समेत अन्य स्थानों पर हजारों वर्गमीटर जमीन को भू-माफिया से कब्जामुक्त कराया है. जहां पर अब, आमजन के लिए आवासीय व व्यावसायिक योजनाएं लाने की तैयारी है.

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