कानपुर: नगर निगम के अफसर और कर्मी तय समय पर सही तरीके से काम करने के दावे करते रहते हैं. लेकिन, हकीकत वास्तविकता से कोसों दूर है. इनकी चर्चा कभी काम में लापरवाही तो कभी भ्रष्टाचार को लेकर ज्यादा होती है. वहीं, अब कानपुर नगर निगम के गृहकर के 9.52 लाख रुपये की राशि का गबन का मामला सामने आया है. गृहकर में गमन की जानकारी जैसे ही नगर आयुक्त शिवशरणप्पा के पास पहुंची, उन्होंने तुरंत नायब मोहर्रिंर को बर्खास्त कर दिया, जिसको लेकर नगर निगम में चर्चा का बाजार गर्म है.
मामले को लेकर, नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि जोन 3 में तैनात रहे नायब मोहर्रिर दीपक यादव ने 105 उपभोक्ताओं की गृहकर की रसीद काटी. लेकिन, कर की राशि कोष में जमा नहीं की. बता दें कि जांच में गबन पकड़े जाने पर साल 2019 में उसे निलंबित कर दिया गया था. फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया. हालांकि, पार्षद अवधेश त्रिपाठी ने नगर आयुक्त से शिकायत की थी कि तमाम लोगों का दोबारा से गृहकर का बिल जारी हो गया है और लोग परेशान हैं.
इसके बाद जब नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त प्रतिपाल चौहान से जांच कराई तो मालूम हुआ कि नायब मोहर्रिर ने 49 रसीदों से 5,13,666 रुपये जमा किए, जिन पर उनके हस्ताक्षर व मुहर लगी थी. इसी तरह 56 अन्य रसीदों से 4,39,092 रुपये इकट्ठा किए गए. लेकिन, वह राशि भी कोष में जमा नहीं की थी. इस तरह का फर्जीवाड़ा करने और लाखों रुपये का गबन करने के चलते नगर आयुक्त ने नायब मोहर्रिर को बर्खास्त कर दिया.
वहीं, इस बीच जरूरत से ज्यादा सरकारी वाहनों का उपयोग करने वाले अफसरों पर जल्द गिर सकती है. नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि अब उन अफसरों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने तय सीमा से अधिक नगर निगम के सरकारी वाहनों का उपयोग किया है. बोले, कई दिनों पहले 7 अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. जांच रिपोर्ट के आधार पर अब कार्रवाई करेंगे.
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