कानपुर: शहर के काकादेव हत्याकांड में पुलिस ने महिला वार्डन से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अर्जुन यादव को गिरफ्तार जरूर कर लिया था. लेकिन, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसर उस समय इस मामले को लेकर उलझ गए, जब घंटों तक आरोपी ने यह मानने से इनकार कर दिया कि उसने हत्या की ही नहीं.
अब इस मामले का संज्ञान खुद संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने लिया है और उन्होंने कहा है कि आरोपी मानसिक रूप से बहुत अधिक मजबूत है. इसलिए, आरोपी के खिलाफ पुलिस नार्को, ब्रेन मैपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट कराएगी. यही नहीं, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि पुलिस इस मामले को एक जघन्य हत्याकांड मान रही है और कोर्ट से गुहार लगाकर आरोपी को रिमांड पर लेगी, जिससे सभी साक्ष्य सामने आ सकें. पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों का कहना है कि पुलिस की ओर से कोई साक्ष्य छिपाया नहीं जाएगा. वहीं, घटना के बाद पुलिस की तफ्तीश में कई ऐसे बिंदु सामने आए हैं, जो अफसरों को चौंका रहे हैं.
दीवार पर खून के छींटे, बेटी को आरोपी के करीबी ले गए थे घर से बाहर: जो क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस को बताया, उसके मुताबिक सोमवार को काकादेव के एक गर्ल्स हॉस्टल में पार्टी थी. इसमें आरोपी अर्जुन व महिला वार्डन ने शराब पी थी. घर के बाहर काफी शोर की आवाजें भी आ रही थीं. तभी शाम को बेटी घर से दूध लेने के लिए बाहर गई थी. जब बेटी लौटी थी तो कमरे में केवल अर्जुन मौजूद था और महिला बेड पर खून से लथपथ बेसुध पड़ी थी.
पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में जो तफ्तीश की, उसमें सामने आया कि जिस कमरे में महिला का शव मिला था, वहां दीवारों पर खून के छींटे थे. आरोपी अर्जुन के भी शरीर पर खून लगा था. बेटी को आरोपी के करीबी ही घटना से कुछ देर पहले बाहर ले गए थे. ऐसे में जो तफ्तीश के बिंदु हैं, उनके मुताबिक, आरोपी ने पूरी झूठी कहानी पुलिस को बताकर गुमराह किया. लेकिन, अब इस हत्याकांड के कई अनसुलझे राज जल्द ही सभी के सामने होंगे.
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