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शव को डेढ़ साल तक परिवार ने रखा घर, भाई ने बताया क्यों नहीं किया अंतिम संस्कार

विमलेश के परिजनों ने बताया कि शव से लिपटकर रोने के दौरान धड़कन सुनाई दी थी. एडीसीपी वेस्ट की पूछताछ में परिजनों ने बताया कि गंगाजल से रोजाना शव धोते थे.

शव को डेढ़ साल तक परिवार ने रखा घर
शव को डेढ़ साल तक परिवार ने रखा घर
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Published : Sep 29, 2022, 10:09 AM IST

कानपुर: शहर के रावतपुर थाना क्षेत्र में अजीबोगरीब मामला सामना आया है. इनकम टैक्स चौराहे के पास रहने वाले आयकर कर्मी विमलेश गौतम की पिछले साल मौत हो गई थी. लेकिन, परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय डेढ़ साल तक शव को घर पर ही रखा था (kanpur family living with dead body). इस मामले की जानकारी जब सीएमओ और पुलिस को हुई तो सभी भौंचक्के रह गए.

मामले की जांच कर रहे एडीसीपी वेस्ट लाखन सिंह ने बुधवार देर शाम मृतक विमलेश के घर पर पहुंचकर परिजनों से कई घंटों तक पूछताछ की. संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने इस मामले की जांच एडीसीपी को सौंपी है और एक हफ्ते में एडीसीपी को अपनी रिपोर्ट तैयार करने उन्हें देनी है.

एडीसीपी की पूछताछ पर मृतक विमलेश के भाई दिनेश ने बताया कि बीते साल अप्रैल में विमलेश की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. वो अचेत हो गया था. उसे मृत समझकर उसके अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली गई थी. लेकिन, इस दौरान शव से लिपटकर रोने के दौरान धड़कन सुनाई दी. इसके बाद पल्स आक्सीमीटर लगाकर देखा तो सांसें चल रही थीं. फिर कई अस्पताल लेकर गए, लेकिन कोई डॉक्टर इलाज के लिए तैयार नहीं हुआ. फिर हमने शव को घर पर ही रखा. रोज गंगाजल से विमलेश को नहलाते थे. 24 घंटे कमरे में एसी चलता था.

बता दें कि मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि विमलेश डेढ़ साल पहले ही मर चुका था. परिजनों ने जिस शरीर को बीमार समझकर घर पर रखा. असल में वह बस एक शव था. वहीं, विमलेश की पत्नी ने इस पर कहा कि घर पर जो बड़े कहते रहे मैं वह करती रही.

ये भी पढ़ेंः अवैध संबंधों में रोड़ा बनने पर मां ने प्रेमी के साथ मिलकर की बेटे की हत्या

कानपुर: शहर के रावतपुर थाना क्षेत्र में अजीबोगरीब मामला सामना आया है. इनकम टैक्स चौराहे के पास रहने वाले आयकर कर्मी विमलेश गौतम की पिछले साल मौत हो गई थी. लेकिन, परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय डेढ़ साल तक शव को घर पर ही रखा था (kanpur family living with dead body). इस मामले की जानकारी जब सीएमओ और पुलिस को हुई तो सभी भौंचक्के रह गए.

मामले की जांच कर रहे एडीसीपी वेस्ट लाखन सिंह ने बुधवार देर शाम मृतक विमलेश के घर पर पहुंचकर परिजनों से कई घंटों तक पूछताछ की. संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने इस मामले की जांच एडीसीपी को सौंपी है और एक हफ्ते में एडीसीपी को अपनी रिपोर्ट तैयार करने उन्हें देनी है.

एडीसीपी की पूछताछ पर मृतक विमलेश के भाई दिनेश ने बताया कि बीते साल अप्रैल में विमलेश की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. वो अचेत हो गया था. उसे मृत समझकर उसके अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली गई थी. लेकिन, इस दौरान शव से लिपटकर रोने के दौरान धड़कन सुनाई दी. इसके बाद पल्स आक्सीमीटर लगाकर देखा तो सांसें चल रही थीं. फिर कई अस्पताल लेकर गए, लेकिन कोई डॉक्टर इलाज के लिए तैयार नहीं हुआ. फिर हमने शव को घर पर ही रखा. रोज गंगाजल से विमलेश को नहलाते थे. 24 घंटे कमरे में एसी चलता था.

बता दें कि मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि विमलेश डेढ़ साल पहले ही मर चुका था. परिजनों ने जिस शरीर को बीमार समझकर घर पर रखा. असल में वह बस एक शव था. वहीं, विमलेश की पत्नी ने इस पर कहा कि घर पर जो बड़े कहते रहे मैं वह करती रही.

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