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तीन नहीं, एक कॉम्प्लेक्स में दिखेगा कपड़ा बाजार, एकजुट होकर व्यापारी करेंगे कारोबार - kanpur cloth market

कानपुर में अब एक ही कॉम्प्लेक्स में कपड़ा बाजार दिखेगा. करीब एक माह पहले शहर के कपड़ा बाजार में देश का चर्चित अग्निकांड हुआ था. इसमें अरबों रुपये के कपड़े पल भर में जल गए थे.

kanpur cloth market fire case
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Published : May 3, 2023, 9:21 AM IST

उप्र गारमेंट्स मैन्युफेक्चर्स एंड ट्रेडिंग के संरक्षक गुरजिंदर सिंह से बातचीत

कानपुर: करीब एक माह पहले शहर के बांसमंडी स्थित कपड़ा बाजार में देश का जो चर्चित अग्निकांड हुआ था, उसमें जहां एक हजार से अधिक दुकानें जलकर खाक हो गई थीं, वहीं अरबों रुपये के कपड़े व्याापरियों की आंखों के सामने पल भर में ही जल गए थे. हालांकि, व्यापारियों ने इतना बड़ा नुकसान होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर से अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिला लिए हैं.

शहर के बांसडमंडी स्थित हमराज कॉम्प्लेक्स, मसूद टॉवर और एआर टॉवर से 30 व 31 मार्च को जो आग की लपटें निकली थीं, उनके चलते भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इन्हें जहां पूरी तरह से गिराने का फैसला हो गया है, वहीं व्यापारी ही इन तीन भवनों के बजाए अब एक भवन को तैयार करेंगे. संभवत: इस भवन को कपड़ा बाजार का नाम दिया जाएगा. इसमें एक साथ एक छत के नीचे 1170 दुकानदार होंगे और जैसे वह अपना कारोबार करते थे, वैसे ही करते रहेंगे. जो नया भवन बनेगा उसमें सभी सुरक्षा के मानकों का ध्यान भी रखा जाएगा. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में व्यापारियों की हरसंभव मदद के लिए अफसरों को आदेश दिए थे.

1986 में हमराज कॉम्प्लेक्स बना था, मुंबई भेजे जाते हैं सबसे अधिक कपड़े

इस पूरे मामले में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान उप्र गारमेंट्स मैन्युफेक्चर्स एंड ट्रेडिंग के संरक्षक गुरजिंदर सिंह ने बताया कि साल 1986 में हमराज कॉम्प्लेक्स बना था. उस दौर में तो बहुत कम कपड़े के दुकानदार यहां हुआ करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे भवन बनते गए और देखते-देखते यह जगह कानपुर का कपड़ा बाजार कहलाने लगी. उन्होंने बताया कि इस बाजार से अधिकतर कपड़े मुंबई भेजे जाते हैं. जबकि, दूसरे राज्यों के व्यापारी यहां खरीदारी करने आते हैं. उन्होंने कहा कि अब इस मार्केट में काफी हद तक रौनक वापस लौटने लगी है.

यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव के लिए 37 जिलों में तैनात किए गए 1.8 लाख पुलिस जवान, चप्पे-चप्पे पर होगी नजर

उप्र गारमेंट्स मैन्युफेक्चर्स एंड ट्रेडिंग के संरक्षक गुरजिंदर सिंह से बातचीत

कानपुर: करीब एक माह पहले शहर के बांसमंडी स्थित कपड़ा बाजार में देश का जो चर्चित अग्निकांड हुआ था, उसमें जहां एक हजार से अधिक दुकानें जलकर खाक हो गई थीं, वहीं अरबों रुपये के कपड़े व्याापरियों की आंखों के सामने पल भर में ही जल गए थे. हालांकि, व्यापारियों ने इतना बड़ा नुकसान होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर से अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिला लिए हैं.

शहर के बांसडमंडी स्थित हमराज कॉम्प्लेक्स, मसूद टॉवर और एआर टॉवर से 30 व 31 मार्च को जो आग की लपटें निकली थीं, उनके चलते भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इन्हें जहां पूरी तरह से गिराने का फैसला हो गया है, वहीं व्यापारी ही इन तीन भवनों के बजाए अब एक भवन को तैयार करेंगे. संभवत: इस भवन को कपड़ा बाजार का नाम दिया जाएगा. इसमें एक साथ एक छत के नीचे 1170 दुकानदार होंगे और जैसे वह अपना कारोबार करते थे, वैसे ही करते रहेंगे. जो नया भवन बनेगा उसमें सभी सुरक्षा के मानकों का ध्यान भी रखा जाएगा. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में व्यापारियों की हरसंभव मदद के लिए अफसरों को आदेश दिए थे.

1986 में हमराज कॉम्प्लेक्स बना था, मुंबई भेजे जाते हैं सबसे अधिक कपड़े

इस पूरे मामले में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान उप्र गारमेंट्स मैन्युफेक्चर्स एंड ट्रेडिंग के संरक्षक गुरजिंदर सिंह ने बताया कि साल 1986 में हमराज कॉम्प्लेक्स बना था. उस दौर में तो बहुत कम कपड़े के दुकानदार यहां हुआ करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे भवन बनते गए और देखते-देखते यह जगह कानपुर का कपड़ा बाजार कहलाने लगी. उन्होंने बताया कि इस बाजार से अधिकतर कपड़े मुंबई भेजे जाते हैं. जबकि, दूसरे राज्यों के व्यापारी यहां खरीदारी करने आते हैं. उन्होंने कहा कि अब इस मार्केट में काफी हद तक रौनक वापस लौटने लगी है.

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