कानपुर: पिछले कई माह से शहर के निर्यातक बुरी तरह से परेशान हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म जरूर हो गया. मगर उस युद्ध की वजह से यूरोपीय देशों में ऐसी मंदी छाई, जिससे बाजार के हालात बहुत अधिक खराब हो गए. इसका नतीजा यह रहा कि पिछले कई सालों से कानपुर में निर्यात कारोबार में जो वृद्धि हो रही थी. वह साल 2021-22 के मुकाबले साल 2022-23 में अचानक से घट गई.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के आंकड़े बताते हैं कि शहर का सालाना निर्यात कारोबार साल 2022-23 में करीब 500 करोड़ रुपये तक घट गया. हालांकि, सरकार के लिए राहत की बात यह है कि यूपी का सालाना कारोबार साल 2021-22 के मुकाबले साल 2022-23 में करीब 18 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ गया है.
अब दूसरे देशों की ओर करना होगा रुख: शहर के निर्यातकों का कहना है कि यूरोपीय देशों के साथ ही अब उन देशों की ओर रुख करना होगा, जहां कारोबार अच्छा है. पिछले साल ही जहां ऑस्ट्रेलिया और फिलीपिंस सरकार ने निर्यातकों को काम करने के मौका दिया. वहीं, लैटिन अमेरिकी देशों में भी अच्छे कारोबार की आस है.
इन देशों में छाई मंदी से घटा कारोबार: जर्मनी, फ्रांस, इटली, पोलैंड, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, रोमानिया, नीदरलैंड, जार्जिया, स्वीडन, फिनलैंड, तुर्किए आदि में मंदी का असर है . फियो के सहायक निदेशक अलोक श्रीवास्तव ने बताया कि यूरोपीय देशों में आए आर्थिक संकट का असर कानपुर के निर्यातकों पर पड़ा है. कानपुर का सालाना कारोबार 500 करोड़ रुपये तक प्रभावित हुआ है. उम्मीद है कि अब बाजारों की स्थिति धीरे-धीरे बेहतर हो जाएगी.