कानपुर: देश और दुनिया में कानपुर की पहचान एक औद्योगिक नगरी के तौर पर सबसे पहले होती है. ऐसे में कई अन्य शहरों के उद्यमी व कारोबारी आए दिन ही शहर आते हैं, वहीं कानपुर से कन्नौज, फर्रुखाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा होते हुए अच्छी संख्या में उद्यमी दिल्ली जाते हैं. पिछले कई सालों से उद्यमियों को कानपुर से अलीगढ़ होते हुए दिल्ली तक अपना सफर जीटी रोड के रास्ते तय करने में पांच से छह घंटे लग जाते थे. उद्यमियों का कहना था, कि ऐसे में अगर उसी दिन वापस लौटना हो तो कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. उद्यमियों की इस समस्या का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन व सरकार के जिम्मेदारों ने कानपुर-अलीगढ़ मार्ग (एनएच-91) को चौड़ा करने का फैसला कर लिया है. मार्च 2021 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का 80 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है. बहुत जल्द अब शहर के उद्यमी व राहगीर महज तीन घंटे में ही कानपुर से अलीगढ़ होते हुए दिल्ली का सफर तय कर लेंगे. वहीं, कानपुर से कन्नौज की दूरी महज 50 मिनट में तय हो जाएगी.
इस बारे में डीएम विशाखजी अय्यर ने बताया कि हाइवे को फोर लेन किया जा रहा है जबकि पूरे रूट पर जो पुल व फ्लाईओवर होंगे उन्हें सिक्स लेन किया जाएगा. उन्होंने कहा, कि एनएचएआई से मिले आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में रोजाना इस कानपुर-अलीगढ़ रूट पर औसतन पांच हजार वाहनों का आवागमन होता है. उन्होंने कहा कि हालांकि सड़क चौड़ीकरण के बाद यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा.
अभी दिल्ली जाने के लिए हैं ये विकल्प
- कानपुर से बिल्हौर पहुंचकर अरौल के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जा सकते हैं.
- कानपुर से पनकी, भौंती बाइपास से होते हुए इटावा फिर आगरा होते हुए दिल्ली जा सकते हैं.
- कानपुर से सबसे कम समय में दिल्ली पहुंचाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस का विकल्प हैं.
- कानपुर से उन्नाव होते हुए लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से दिल्ली जा सकते हैं.
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