कानपुर: प्रदेश भर में गंगा घाटों पर मिल रहे शवों पर सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने कुछ दिनों पहले प्रदूषण बोर्ड और केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद शासन ने गंगा किनारे निगरानी के आदेश दिए हैं. कानपुर पुलिस कमिश्नरेट और पुलिस आउटर अपने-अपने क्षेत्र में गंगा किनारे निगरानी करेंगे, ताकि शवों को गंगा में प्रवाहित न किया जाए.
घाटों पर मिल रहे शव
देश में हर दिन कोरोना से हजारों लोगों की मौतें हो रही हैं. श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रहे तो लोग शवों को नदी में प्रवाहित कर दे रहे हैं. यूपी से लेकर बिहार तक गंगा किनारे सैकड़ों की संख्या में शव मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. गंगा नदी के किनारे कई शव रेत में ही दफन कर दिए जा रहे हैं. पानी से रेत छटने पर कुछ शव रेत से उपर दिखने लगे, जिन्हें कुत्ते नोंचकर खा रहे हैं. कुछ शव बेहद क्षत-विक्षत अवस्था में मिल रहे.
बता दें कि बीते कई दिनों से गंगा में मिल रहे शवों के बाद केंद्र सरकार व प्रदूषण बोर्ड ने इसकी रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद योगी सरकार ने सभी जिलों को गंगा पर निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए हैं. महानगर में शवों को नदी में न बहाया जाए, इसके लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है. कानपुर पुलिस गंगा पर निगरानी करेगी. बिल्लौर से लेकर महाराजपुर तक गंगा का किनारा है. यहां पर एसडीआरएफ व पीएसी जल पुलिस को तैनात किया जाएगा.
कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि शासन ने कानपुर में एसडीआरएफ की टीम नाव सहित और एक प्लाटून पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी को भेजा है. यह टीमें जिला पुलिस के साथ मिलकर नाव से गंगा में गश्त करेंगी. किसी के भी शव बहाने पर यह टीम तुरंत कार्रवाई करेगी.