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सीमा पर दुश्मनों का खात्मा करेगी कानपुर ऑर्डिनेंस में बनी जेवीपीसी

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Published : Aug 17, 2019, 11:56 PM IST

उत्तर प्रदेश में कानपुर की विश्व विख्यात लघु शस्त्र निर्माण द्वारा जेवीपीसी गनों (बन्दूकों) को बनाया गया है. जो सीमा पर तैनात जवानों की रक्षा करेगा और दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगा. इसका सफल परीक्षण भारत के विभिन्न अर्ध सैनिक बल और राज्य पुलिस बलों द्वारा हो चुका है.

कानपुर ऑर्डिनेंस में बनी जेवीपीसी.

कानपुर: सीमा पर तैनात सैनिकों की रक्षा और दुश्मनों का खात्मा करने के लिए कानपुर की विश्व विख्यात लघु शस्त्र निर्माण द्वारा जेवीपीसी गनों (बन्दूकों) को बनाया गया है. इसी कड़ी में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए 2017 में कानपुर और एआरडीई पूना के संयुक्त प्रयासों से जेवीपीसी का निर्माण किया गया. इसका सफल परीक्षण भारत के विभिन्न अर्ध सैनिक बल और राज्य पुलिस बलों द्वारा हो चुका है.

जानकारी देते लघु शस्त्र निर्माणी महाप्रबन्धक संजय कुमार पट्टनायक.
  • सफल परीक्षण के बाद लगभग दस हजार जेवीपीसी गन का आर्डर लघु शस्त्र निर्माण को मिल चुका है.
  • इसमें से छत्तीसगढ़ पुलिस, मणिपुर पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को गनों की आपूर्ति की जा चुकी है.
  • इसी कड़ी में आज केन्द्रीय औघोगिक सुरक्षा बल(CISF) के 200 जेवीपीसी के आर्डर में से 100 गनों की एक खेप और एक हजार कारतूसों का हस्तांतरण सीआईएसएफ के आगरा यूनिट को किया गया.
  • जेवीपीसी हथियार की मारक क्षमता विश्व विख्यात हथियार जैसे एमपी-5, एमपी-7, पी-2000 से की जा सकती है.
  • यह एक राउण्ड में 50 कारतूसों को फेंकती है..

भविष्य में इन गनों का प्रयोग केन्द्रीय औघोगिक बल द्वारा भारत की संसद, दिल्ली मैट्रो एंव वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जायेगा. प्रयोग की सफलता के आधार पर सीआईएसएफ से बल्क आर्डर मिलने की भी अधिक संभावना है.
संजय कुमार पट्टनायक, महाप्रबन्धक, लघु शस्त्र निर्माणी

कानपुर: सीमा पर तैनात सैनिकों की रक्षा और दुश्मनों का खात्मा करने के लिए कानपुर की विश्व विख्यात लघु शस्त्र निर्माण द्वारा जेवीपीसी गनों (बन्दूकों) को बनाया गया है. इसी कड़ी में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए 2017 में कानपुर और एआरडीई पूना के संयुक्त प्रयासों से जेवीपीसी का निर्माण किया गया. इसका सफल परीक्षण भारत के विभिन्न अर्ध सैनिक बल और राज्य पुलिस बलों द्वारा हो चुका है.

जानकारी देते लघु शस्त्र निर्माणी महाप्रबन्धक संजय कुमार पट्टनायक.
  • सफल परीक्षण के बाद लगभग दस हजार जेवीपीसी गन का आर्डर लघु शस्त्र निर्माण को मिल चुका है.
  • इसमें से छत्तीसगढ़ पुलिस, मणिपुर पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को गनों की आपूर्ति की जा चुकी है.
  • इसी कड़ी में आज केन्द्रीय औघोगिक सुरक्षा बल(CISF) के 200 जेवीपीसी के आर्डर में से 100 गनों की एक खेप और एक हजार कारतूसों का हस्तांतरण सीआईएसएफ के आगरा यूनिट को किया गया.
  • जेवीपीसी हथियार की मारक क्षमता विश्व विख्यात हथियार जैसे एमपी-5, एमपी-7, पी-2000 से की जा सकती है.
  • यह एक राउण्ड में 50 कारतूसों को फेंकती है..

भविष्य में इन गनों का प्रयोग केन्द्रीय औघोगिक बल द्वारा भारत की संसद, दिल्ली मैट्रो एंव वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जायेगा. प्रयोग की सफलता के आधार पर सीआईएसएफ से बल्क आर्डर मिलने की भी अधिक संभावना है.
संजय कुमार पट्टनायक, महाप्रबन्धक, लघु शस्त्र निर्माणी

Intro:कानपुर :- सीमा पर तैनात सैनिको की रक्षा और दुश्मनो का खात्मा करेगी कानपुर ऑर्डिनेंस में बनी जेवीपीसी ।

सीमा पर तैनात सैनिकों की रक्षा और दुश्मनों का ख़त्मा करने के लिए कानपुर की विश्व विख्यात लघु शस्त्र निर्माण द्वारा अनेकों ग़नो( बन्दूक़ों) को बनाया गया है... इसी कड़ी में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए 2017 में कानपुर एंव एआरडीई पूना के संयुक्त प्रयासों से जेवीपीसी का निर्माण किया गया इसका सफल परीक्षण भारत के विभिन्न अर्ध सैनिक बल एंव राज्य पुलिस बलों द्वारा हो चुका है...


Body:सफल परी़क्षण के बाद लगभग दस हज़ार जेवीपीसी गन का आर्डर लघु शस्त्र निर्माण को मिल चुका है... जिसमें से छत्तीसगढ़ पुलिस, मणिपुर पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल को गनों की आपूर्ति की जा चुकी है... इसी कड़ी में आज केन्द्रीय औघोगिक सुरक्षा बल(CISF) के 200 जेवीपीसी के आर्डर में से 100 गनों की एक खेप और एक हज़ार कारतूसों का हस्तांतरण सीआईएसएफ़ के आगरा यूनिट को किया गया... आपको बता दे कि जेवीपीसी हथियार की मारक क्षमता विश्व विख्यात हथियार जैसे एमपी-5, एमपी-7, पी-2000 से की जा सकती है... यह एक राउण्ड में 50 कारतूसों को फेंकती है... इस हस्तांतरण कार्यक्रम में लघु शस्त्र निर्माणी के महाप्रबन्धक संजय कुमार पट्टनायक ने बताया कि भविष्य में इन गनों का प्रयोग केन्द्रीय औघोगिक बल द्वारा भारत की संसद, दिल्ली मैट्रो एंव वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जायेगा... प्रयोग की सफलता के आधार पर सीआईएसएफ़ से बल्क आर्डर मिलने की भी अधिक संभावना है...

बाईट- संजय कुमार पट्टनायक, महाप्रबन्धक, लघु शस्त्र निर्माणी
बाईट- बृज भूषण, सीआईएसएफ़ आगरा यूनिट के कमांडेन्ट 

अखण्ड प्रताप सिंह
कानपुर ।



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