कानपुर: बिकरू कांड और घटना के मोस्टवांटेड विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय आयोग के न्यायामूर्ति शशिकांत अग्रवाल ने रविवार को चौबेपुर पहुंचे. सबसे पहले न्यायामूर्ति शशिकांत अग्रवाल ने काशीराम निवादा गांव में एनकाउंटर स्थल पर जांच की. इसके बाद कानपुर देहात के शिवली थाने पहुंचकर सिद्धेश्वर हत्याकांड की फाइल देखी और पुलिसकर्मियों से पूछताछ की.
बिकरू कांड को अंजाम देने वाले मोस्टवांटेड विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राज्य सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से जांच आयोग अधिनियम 1952 (अधिनियम संख्या 60 सन 1952) के तहत सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है. इसका मुख्यालय कानपुर में ही बनाया गया है. इस आयोग को दो माह में जांच रिपोर्ट सौंपनी है.
न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल पहुंचे बिकरू गांव
रविवार को फिर न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल ने बिकरू गांव के करीब काशीराम निवादा पहुंचकर प्रेम कुमार पांडे और अतुल दुबे के एनकाउंटर स्थल पर जांच की. इसके बाद वह शिवली थाने पहुंचे, जहां पर उन्होंने सिद्धेश्वर हत्याकांड की फाइल तलब की. फाइलों को गहनता से देखने के बाद उन्होंने पुलिसकर्मियों से पूछताछ की. इसके बाद वे मुख्यालय के लिए रवाना हो गए.
ग्रामीणों से की थी पूछताछ
इसके पहले बीते सोमवार को आयोग के न्यायामूर्ति शशिकांत अग्रवाल ने बिकरू गांव पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया था. वहीं, ग्रामीणों से घटना और विकास दुबे के बारे में पूछताछ की थी. उन्होंने विकास दुबे का धराशायी हुआ मकान भी देखा था. साथ ही जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार पी से करीब 25 मिनट तक बातचीत भी की थी. उन्होंने दिनेश दुबे के बेटे मनोज दुबे समेत छह लोगों से भी बातचीत की थी.