कानपुर: जिले के बिकरू गांव में कुछ दिन पहले हुए एनकाउंटर के मामले में पुलिस को एक और कामयाबी हाथ लगी है. पुलिसकर्मियों के लिए काल बनी जेसीबी के ड्राइवर को चौबेपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल 2 जुलाई की रात को विकास दुबे के यहां दबिश डालने पहुंची पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी खड़ी कर रास्ता रोका गया था, जिसके बाद पहुंची पुलिस टीम पर विकास के गुर्गों ने फायरिंग कर दी थी. वहीं मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत आठ पुलिस वाले शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही फरार जेसीबी ड्राइवर राहुल की पुलिस तलाश कर रही थी.
जेसीबी ड्राइवर ने दी जानकारी
पुलिस और मीडिया की पूछताछ में पकड़े गए जेसीबी ड्राइवर राहुल ने बताया कि उसके पास प्रेम प्रकाश आया था और कहा कि अपनी जेसीबी ले चलो, विकास भैया ने बुलाया है. राहुल की मानें तो उसने कहा कि वह काम में फंसा है, लेकिन प्रेम प्रकाश ने उससे कहा कि बहुत अर्जेंट काम है, इसलिए तुरंत चलो फिर मैं गाड़ी लेकर बिकरू गांव पहुंचा. राहुल के मुताबिक जब वो गांव पहुंचा तो देखा कि वहां पर काफी लोग इकट्ठा थे, जिसके बाद राहुल साइड में जेसीबी को खड़ी करने लगा तो विकास दुबे ने कहा कि गाड़ी रास्ते में लगा दो. इस पर राहुल ने विकास से कहा कि भैया रास्ता बंद हो जाएगा, तो विकास दुबे ने उसे डांटते हुए कहा कि जितना कहा जा रहा है, सिर्फ उतना ही करो.
छत पर 20-25 लोग थे मौजूद
राहुल ने बताया कि विकास दुबे के डर के कारण उसने जेसीबी को रास्ते पर ही लगा दिया. विकास दुबे ने कहा कि इसी गाड़ी में सो जाओ, तो वहां पर मौजूद एक दूसरे शख्स ने कहा कि इसको छत पर कमरे में बंद कर दो. तब मुझे विकास दुबे की छत पर ले जाया गया और वहां जाकर मैंने देखा कि वहां काफी लोग इकट्ठा थे और सब लोग हाथों में बंदूकें लिए थे. राहुल के मुताबिक छत पर करीब 20-25 लोग थे, जिसमें विकास दुबे, अमर दुबे, प्रभात, शिवम और प्रेम प्रकाश को उसने देखा था, क्योंकि ये सभी गांव के लोग थे. साथ ही बाकी कुछ अन्य लोग भी थे, जिन्हें चेहरे से राहुल पहचान नहीं पाया. राहुल ने बताया कि छत पर चढ़े 10 से 15 मिनट ही हुए थे कि अचानक गोलियों की आवाज आने लगी. इसके बाद करीब 10 से 15 मिनट तक गोलियां चलती रहीं. वहीं गोलियों की आवाज बंद होने के बाद विकास दुबे कुछ बोला तो वहां पर बिल्कुल खामोशी छा गई और माहौल एकदम शांत हो गया. राहुल का कहना है कि घटना के बाद वह डरकर छत से भाग गया और अपने मालिक सुल्तान के घर जाकर उन्हें सारी बात बताई.