कानपुर: जिले में सीनियर आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन (ias iftikharuddin) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें बताया जा रहा है कि वह सरकारी आवास में बैठकर मुस्लिम समाज के लोगों को बुलाकर धर्म परिवर्तन का पाठ पढ़ा रहे हैं. इस मामले में इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द देवबंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारि मुस्तफा देहलवी ने आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (ias iftikharuddin) का समर्थन किया है.
आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (ias iftikharuddin) के इस वायरल वीडियो मामले पर देवबंद इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारि मुस्तफा देहलवी ने एक वीडियो बयान जारी किया है. अपने बयान में मौलाना कारि मुस्तफा देहलवी कह रहे हैं कि आईएएस इफ्तिखारुद्दीन (ias iftikharuddin) एक मुसलमान होने के नाते मुस्लिम लोगों से अपने धर्म के बारे में बात कर रहे हैं. उन्हें अमन का पैगाम दे रहे हैं.
कारि मुस्तफा देहलवी का कहना है कि उन्होंने खुद कई धर्मों के बड़े अधिकारियों को अपने धर्म के संबंध में बात करते हुए देखा है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. वहीं मौलाना कारी मुस्तफा देहलवी का ये भी कहना है कि इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन करवाना सबसे बड़ा गुनाह है.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से कानपुर के सीनियर आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन (ias iftikharuddin) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को आधार बनाकर इफ्तिखारुद्दीन पर धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि इफ्तिखारुद्दीन सरकारी आवास में बैठकर मुस्लिम समाज के लोगों को बुलाकर धर्म परिवर्तन कराने का पाठ पढ़ा रहे हैं. जबकि कई मौलानाओं ने इस आरोप को खारिज करते हुए इफ्तिखारुद्दीन का समर्थन किया है.
इसी क्रम में देवबंद इत्तेहाद उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारि मुस्तफा देहलवी ने भी एक वीडियो बयान जारी कर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का समर्थन किया है. मामले में मौलाना कारि मुस्तफा देहलवी का कहना है कि आईएएस इफ्तिखारुद्दीन एक मुसलमान होने के नाते लोगों से धर्म को लेकर इस पर बातचीत कर सकते हैं और उन्हें अमन का पैगाम दे सकते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है.
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