कानपुर: देश में धान और गेहूं की खेती करने वाले राज्यों के किसानों के सामने समर सीजन में किसी अन्य फसल का विकल्प नहीं था. कई माह तक खेती खाली होने से किसान परेशान रहते थे. इस मामले में किसानों ने अपने प्रतिनिधियों के सामने बात रखी. इस मामले में किसानों की समस्याओं को लेकर प्रतिनिधियों ने कानपुर के भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को पत्र भेजा. वैज्ञानिकों ने किसानों की मांग को देखते हुए 50 से 52 दिनों फसल तैयार होने वाली फसल की नई प्रजाति तैयार कर दी है.
'विराट मूंग' 52 दिनों में होगी तैयार
बता दें कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसान गेहूं और धान की खेती करते हैं. ऐसे में गेहूं की फसल काटने के बाद कई महीनों तक खेत खाली रहती है. इस वजह से किसानों ने अपने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से गुहार लगाई. किसानों के जनप्रतिनिधियों ने पत्र के माध्यम से भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) के वैज्ञानिकों के सामने बात रखी. वैज्ञानिकों ने किसानों की मांग पर 50 से 52 दिनों में तैयार होने वाली मूंग की एक नई प्रजाति तैयार कर दी. इस मूंग का नाम विराट रखा गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार बहुत जल्द ही किसानों को विराट के बीजों का वितरण भी शुरू कर दिया जाएगा.
नई प्रजाति करेगी किसानों को मालामाल
इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रो. जीपी दीक्षित ने बताया कि शोध कार्य के दौरान देखने में आया था, कि दो-तीन दशकों से गेहूं और धान की फसल का चक्र काफी बढ़ा है. ऐसे में किसानों की बात पर गंभीरता से विचार किया और देखा गया कि मूंग की प्रजाति को तैयार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मूंग के फसल की अन्य प्रजातियां 70 से 80 दिनों में तैयार होती हैं, लेकिन अब नई प्रजाति 50 से 52 दिनों में ही तैयार हो जाएगी. इसके साथ ही इस फसल का उत्पादन भी एक हेक्टेयर में 8 से 10 क्विंटल होगा.