कानपुर: गंगा नदी में वैसे तो पहले से कई प्रजातियों की मछलियां मौजूद हैं. हालांकि, शुक्रवार को अटल घाट पर 1.50 लाख भारतीय मेजर कार्प मछलियों को गंगा में जीवन के लिए छोड़ दिया गया. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हुई इस कवायद के दौरान भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी और राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के कई विशेषज्ञ मौजूद रहे.
भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल की मत्स्य सम्पदा का संरक्षण कर जलीय पर्यावरण संतुलन करना है. साथ ही नदियों की निर्मलता को बढ़ाना और मछुवारा समाज का आर्थिक उत्थान है. उन्होंने घाट पर मौजूद सभी लोगों से कहा कि गंगा को दूषित न करें. इस मौके पर उक्त विशेषज्ञों की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जानकारी भी सभी को दी गई. इस मौके पर श्रवण कुमार निषाद, किरन निषाद, उमेश निगम, रमेश वर्मा, हर्ष चौहान, प्रेम प्रकाश निषाद, डीएफओ श्रद्धा यादव आदि उपस्थित रहे.
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जब मत्स्य मंत्री ने छोड़ी थीं मछलियां तो हजारों ने तोड़ दिया था दम: घाट पर मौजूद लोगों का कहना था कि शुक्रवार को सुहावना मौसम होने के चलते अधिकतर मछलियां जीवित बनीं रहीं. जबकि, कुछ दिनों पहले जब इसी घाट पर मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने मछलियों को गंगा में प्रवाहित किया था तो हजारों की संख्या में मछलियों ने घाट पर ही दम तोड़ दिया था.
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