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चिकित्सा प्रोद्योगिकी में अनुसंधान सहयोग पर साथ काम करेंगे आईआईटी और अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ

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Published : Jan 4, 2023, 9:16 AM IST

आईआईटी कानपुर और अपोलो अस्पताल के बीच करार हुआ है. दोनों ने एमओयू पर साइन किए. दोनों एक साथ काम करके कई योजनाओं को बनाएंगे.

आईआईटी कानपुर और अपोलो अस्पताल में करार
आईआईटी कानपुर और अपोलो अस्पताल में करार

कानपुर: चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान सहयोग को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ अब एक साथ काम करेंगे. मंगलवार को दोनों ही संस्थानों के विशेषज्ञों ने करार के लिए एमओयू फाइल पर हस्ताक्षर किए. एशिया के सबसे बड़े एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व कंप्यूटर विज्ञान के विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान के बीच अपनी तरह का यह पहला औपचारिक सहयोग है. जो चिकित्सा पद्धति को बदलने वाले स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी के बीच तेजी से हो रहे अभिसरण को औपचारिक मान्यता देता है.

प्रोफेसर एआर हरीश डीन आरएंडडी, आईआईटी कानपुर और प्रो. कृष्णन गणपति, निदेशक अपोलो टेलीमेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल्स ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और अपोलो अस्पताल ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी. रेड्डी व अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में साथ काम करने पर करार कर लिया.

दरअसल, अपोलो हॉस्पिटल्स का एक विभाग अपोलो रिसर्च एंड इनोवेशन (एआरआई) दो दशकों से अधिक समय से चिकित्सा अनुसंधान में एआई का प्रयोग, नवाचार, स्वास्थ्य शिक्षा, शिक्षण और क्लीनिकल परिनियोजन का नेतृत्व कर रहा है. ऐसे में अब दोनों ही संस्थानों के विशेषज्ञ एक-दूसरे के साथ मिलकर कई योजनाओं को बनाएंगे और फिर समय के साथ उन्हें अमलीजामा पहनाएंगे.

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा कि अपोलो रोगियों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम/उच्चतम सुविधाएं प्रदान करने में लगातार अग्रणी है. उन्होंने कहा कि बहुत कवायद करने के बाद अब हम अपने अनुभव और विशेषज्ञता को आईआईटी कानपुर में किए गए अभिनव शोध के साथ जोड़ने के लिए तत्पर हैं.

आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का एक अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान होने के नाते आईआईटी कानपुर ने उद्योग और अन्य संस्थानों के सहयोग से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक बहु-विषयक अनुसंधान प्रदान करने में लगातार निवेश किया है. अब, अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ इस एमओयू के तहत स्वास्थ्य और अन्य उभरते नवाचारों में एआई जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सहयोग करने की आस्था रखते हैं, जो भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देंगे.

यह भी पढ़ें: मुंबई में सीएम योगी ग्लोबल इन्वेटर्स समिट 2023 के पहले रोड शो करेंगे

कानपुर: चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान सहयोग को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ अब एक साथ काम करेंगे. मंगलवार को दोनों ही संस्थानों के विशेषज्ञों ने करार के लिए एमओयू फाइल पर हस्ताक्षर किए. एशिया के सबसे बड़े एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व कंप्यूटर विज्ञान के विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान के बीच अपनी तरह का यह पहला औपचारिक सहयोग है. जो चिकित्सा पद्धति को बदलने वाले स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी के बीच तेजी से हो रहे अभिसरण को औपचारिक मान्यता देता है.

प्रोफेसर एआर हरीश डीन आरएंडडी, आईआईटी कानपुर और प्रो. कृष्णन गणपति, निदेशक अपोलो टेलीमेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल्स ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और अपोलो अस्पताल ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी. रेड्डी व अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में साथ काम करने पर करार कर लिया.

दरअसल, अपोलो हॉस्पिटल्स का एक विभाग अपोलो रिसर्च एंड इनोवेशन (एआरआई) दो दशकों से अधिक समय से चिकित्सा अनुसंधान में एआई का प्रयोग, नवाचार, स्वास्थ्य शिक्षा, शिक्षण और क्लीनिकल परिनियोजन का नेतृत्व कर रहा है. ऐसे में अब दोनों ही संस्थानों के विशेषज्ञ एक-दूसरे के साथ मिलकर कई योजनाओं को बनाएंगे और फिर समय के साथ उन्हें अमलीजामा पहनाएंगे.

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा कि अपोलो रोगियों को चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम/उच्चतम सुविधाएं प्रदान करने में लगातार अग्रणी है. उन्होंने कहा कि बहुत कवायद करने के बाद अब हम अपने अनुभव और विशेषज्ञता को आईआईटी कानपुर में किए गए अभिनव शोध के साथ जोड़ने के लिए तत्पर हैं.

आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का एक अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान होने के नाते आईआईटी कानपुर ने उद्योग और अन्य संस्थानों के सहयोग से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक बहु-विषयक अनुसंधान प्रदान करने में लगातार निवेश किया है. अब, अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ इस एमओयू के तहत स्वास्थ्य और अन्य उभरते नवाचारों में एआई जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सहयोग करने की आस्था रखते हैं, जो भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देंगे.

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