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IIT कानपुर ने साइबर अटैक से बचने के लिए गठित किया 'न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र'

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आईआईटी संस्था ने अपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र का गठन किया है. यह केंद्र प्रभावी जांच पड़ताल, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह अपनी तरह का पहला केंद्र होगा जो अपराध का अध्ययन कर तकनीकी ज्ञान का संवर्धन करेगा.

न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र.
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Published : Oct 23, 2019, 11:48 AM IST

कानपुरः आईआईटी ने आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र का गठन किया है. इसके गठन से आपराधिक न्याय से संबंधित विषयों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है. यह केंद्र प्रभावी जांच पड़ताल, सार्वजनिक व्यवस्था के रख-रखाव, संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से अपराध को रोकने की अपनी भूमिका को सफल बनाने में, पुलिस कर्मियों को समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा. साथ ही नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए मददगार साबित होगा. देश में यह अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो अपराध का अध्ययन करने के लिए कैटेलिक टूल्स को विकसित करने के साथ-साथ संबंधित तकनीक के ज्ञान का संवर्धन करेगा.

न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र की जानकारी देते प्रो. संदीप.

देश का पहला आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रो. संदीप ने बताया कि यह केंद्र देश में अपराध और इसके नियंत्रण-तंत्र से संबंधित समस्त आंकड़ों को संग्रहित करने का प्रयास करेगा. इस केंद्र की अन्य विशेषताओं में अपराध नियंत्रण संसाधनों के प्रबंधन, विधिक जांच के लिए नई तकनीक का विकास और पुलिस के लिए मशीनलर्निंग एप्लीकेशन की पहल प्रमुख रूप से शामिल हैं.

पढे़ं- कानपुर: अंतराग्नि के आखिरी दिन बॉलीवुड के गानों पर जश्न में डूबा आईआईटी, युवाओं ने लगाए ठुमके

डॉ. अरविंद वर्मा होंगे प्रारंभिक नेतृत्वकर्ता
इस केंद्र के प्रारंभिक चरण में डॉ. अरविन्द वर्मा इसका नेतृत्व करेंगे. डॉ. अरविन्द वर्मा को केवल अपराधिक न्याय के क्षेत्र में अपार ज्ञान एवं शोध-अनुभव ही प्राप्त नहीं है, बल्कि भारतीय पुलिस के साथ भी इनका गहरा और लंबा जुड़ाव रहा है. उन्होंने बिहार राज्य में 17 वर्षों तक अपनी विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र के रूप में डॉ. वर्मा को शैक्षणिक और पुलिस का संयुक्त अनुभव प्राप्त है.

कानपुरः आईआईटी ने आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र का गठन किया है. इसके गठन से आपराधिक न्याय से संबंधित विषयों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है. यह केंद्र प्रभावी जांच पड़ताल, सार्वजनिक व्यवस्था के रख-रखाव, संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से अपराध को रोकने की अपनी भूमिका को सफल बनाने में, पुलिस कर्मियों को समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा. साथ ही नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए मददगार साबित होगा. देश में यह अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो अपराध का अध्ययन करने के लिए कैटेलिक टूल्स को विकसित करने के साथ-साथ संबंधित तकनीक के ज्ञान का संवर्धन करेगा.

न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र की जानकारी देते प्रो. संदीप.

देश का पहला आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रो. संदीप ने बताया कि यह केंद्र देश में अपराध और इसके नियंत्रण-तंत्र से संबंधित समस्त आंकड़ों को संग्रहित करने का प्रयास करेगा. इस केंद्र की अन्य विशेषताओं में अपराध नियंत्रण संसाधनों के प्रबंधन, विधिक जांच के लिए नई तकनीक का विकास और पुलिस के लिए मशीनलर्निंग एप्लीकेशन की पहल प्रमुख रूप से शामिल हैं.

पढे़ं- कानपुर: अंतराग्नि के आखिरी दिन बॉलीवुड के गानों पर जश्न में डूबा आईआईटी, युवाओं ने लगाए ठुमके

डॉ. अरविंद वर्मा होंगे प्रारंभिक नेतृत्वकर्ता
इस केंद्र के प्रारंभिक चरण में डॉ. अरविन्द वर्मा इसका नेतृत्व करेंगे. डॉ. अरविन्द वर्मा को केवल अपराधिक न्याय के क्षेत्र में अपार ज्ञान एवं शोध-अनुभव ही प्राप्त नहीं है, बल्कि भारतीय पुलिस के साथ भी इनका गहरा और लंबा जुड़ाव रहा है. उन्होंने बिहार राज्य में 17 वर्षों तक अपनी विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र के रूप में डॉ. वर्मा को शैक्षणिक और पुलिस का संयुक्त अनुभव प्राप्त है.

Intro:कानपुर :- आईआईटी कानपुर ने साइबर अटैक से बचाने के लिए गठित किया न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र

आई आई टी कानपुर ने अपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केन्द्र का गठन करके अपराधिक न्याय से संबंधित विषयों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह केन्द्र, प्रभावी जाँच पड़ताल, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव एवं संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से अपराध को भय दिखाकर रोकने की अपनी भूमिका को सफल बनाने में पुलिस कर्मियों को समर्थन एवं प्रशिक्षण प्रदान करके नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों के लिए मददगार साबित होगा। देश में यह अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा जो अपराध का अध्ययन करने के लिए कैटेलिक टूल्स को विकसित करने के साथ-साथ संबंधित तकनीक के ज्ञान का संबर्धन करेगा।





Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में इसको बनाने वाले प्रोफेसर ने बताया कि यह केन्द्र देश में अपराध एवं इसके नियंत्रण-तंत्र से संबंधित समस्त आंकड़ों को संग्रहित करने का प्रयास करेगा।इस केन्द्र की अन्य विशेषताओं में अपराध नियंत्रण संसाधनों के प्रबंधन, प्रचालन संबंधी क्रियाओं एवं विधिक जाँच के लिए नई तकनीक का विकास तथा साक्ष्य आधारित एवं प्रेडिक्टिव पुलिसिंग के लिए मशीनलर्निंग एप्लीकेशन  की पहल प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस केन्द्र के अंतर्गत नीतिगत अध्ययन भी किया जाएगा तथा अपराधिक न्याय संबंधी नीतियों एवं योजनाओं के मूल्यांकन हेतु उपायों पर अनुसंधानों एवं विकास के कार्य किये जाएगें।


Conclusion:
इस केन्द्र के प्रारंभिक चरण में डॉ. अरविन्द वर्मा विजिटिंग फैकल्टी इंडियाना यूनिवर्सिटी

ब्लूमिंगटन इसका नेतृत्व करेंगे। डॉ. अरविन्द वर्मा को केवल अपराधिक न्याय के क्षेत्र में अपार ज्ञान एवं शोध-अनुभव ही प्राप्त नहीं  बल्कि भारतीय पुलिस के साथ भी इनका गहरा एवं लम्बा जुड़ाव रहा है जहां पर उन्होंने बिहार राज्य में 17 वर्षों तक अपनी विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। आई आई टी कानपुर के पूर्व छात्र के रूप में डॉ. वर्मा को शैक्षणिक एवं पुलिस का संयुक्त अनुभव प्राप्त है जिसके फलस्वरूप इस केन्द्र को विशिष्ट तकनीकी ज्ञान एवं सेवाएं प्राप्त हो सकेगी।

बाइट :- प्रो संदीप

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
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