कानपुरः आईआईटी ने आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र का गठन किया है. इसके गठन से आपराधिक न्याय से संबंधित विषयों के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है. यह केंद्र प्रभावी जांच पड़ताल, सार्वजनिक व्यवस्था के रख-रखाव, संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से अपराध को रोकने की अपनी भूमिका को सफल बनाने में, पुलिस कर्मियों को समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा. साथ ही नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए मददगार साबित होगा. देश में यह अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो अपराध का अध्ययन करने के लिए कैटेलिक टूल्स को विकसित करने के साथ-साथ संबंधित तकनीक के ज्ञान का संवर्धन करेगा.
देश का पहला आपराधिक न्याय डेटा विश्लेषण केंद्र
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रो. संदीप ने बताया कि यह केंद्र देश में अपराध और इसके नियंत्रण-तंत्र से संबंधित समस्त आंकड़ों को संग्रहित करने का प्रयास करेगा. इस केंद्र की अन्य विशेषताओं में अपराध नियंत्रण संसाधनों के प्रबंधन, विधिक जांच के लिए नई तकनीक का विकास और पुलिस के लिए मशीनलर्निंग एप्लीकेशन की पहल प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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डॉ. अरविंद वर्मा होंगे प्रारंभिक नेतृत्वकर्ता
इस केंद्र के प्रारंभिक चरण में डॉ. अरविन्द वर्मा इसका नेतृत्व करेंगे. डॉ. अरविन्द वर्मा को केवल अपराधिक न्याय के क्षेत्र में अपार ज्ञान एवं शोध-अनुभव ही प्राप्त नहीं है, बल्कि भारतीय पुलिस के साथ भी इनका गहरा और लंबा जुड़ाव रहा है. उन्होंने बिहार राज्य में 17 वर्षों तक अपनी विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र के रूप में डॉ. वर्मा को शैक्षणिक और पुलिस का संयुक्त अनुभव प्राप्त है.