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90 सेकेंड में मिट्टी की सेहत जांचेगा IIT Kanpur का एप...पढ़िए पूरी खबर - भू परीक्षक एप

आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा एप तैयार किया है जो 90 सेकेंड में मिट्टी की गुणवत्ता की जांच कर लेगा. इससे किसानों को खेती में काफी मदद मिलेगी. चलिए जानते हैं इसके बारे में...

आईआईटी कानपुर की ओर से दी गई यह जानकारी.
आईआईटी कानपुर की ओर से दी गई यह जानकारी.
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Published : Dec 15, 2021, 3:22 PM IST

कानपुरः आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के लिए खास तरह का एप तैयार किया है. एम्बेडेड मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए यह महज 90 सेकेंड में यह जानकारी जुटा लेगा. इससे किसान खेती को और उन्नत कर उत्पादन बढ़ा सकेंगे. आईआईटी कानपुर की ओर से यह एप एग्रो नेक्स्ट कंपनी को हस्तांतरित किया गया है. जल्द ही यह एप किसानों के लिए उपलब्ध होगा.

आईआईटी के मुताबिक यह एप इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक पर आधारित है. यह Google Play Store पर भू परीक्षक एप नामक एक एम्बेडेड मोबाइल एप्लिकेशन के नाम से उपलब्ध है.

आईआईटी कानपुर की ओर से दी गई यह जानकारी.

इस डिवाइस से मिट्टी के छह महत्वपूर्ण मापदंडों नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, कार्बनिक कार्बन, मिट्टी की सामग्री और कैटीअन एक्सचेंज कपैसिटी का पता लगा सकते हैं. साथ ही यह खेती के लिए आवश्यक उर्वरकों की मात्रा के बारे में भी सिफारिश करता है. यह एप स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है. इस कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी इस्तेमाल कर सकता है. यह उपकरण एक लाख मृदा परीक्षण के नमूने ले सकता है.

इस एप और डिवाइस को लेकर आईआईटी कानपुर का एग्रो नेक्सट कंपनी से समझौता हुआ है. जल्द ही यह बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध होगा. एमओयू के दौरान आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, एग्रोनेक्स्ट सर्विसेज के निदेशक रजत वर्धन, प्रो अमिताभ बंद्योपाध्याय, प्रो एआर हरीश और रवि पांडेय आदि मौजूद रहे.



आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के मुताबिक इस एप की मदद से किसान पल भर में मिट्टी की सेहत जांच सकेंगे. इसे केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो जयंत कुमार सिंह, श्री पल्लव प्रिंस, श्री अशर अहमद, श्री यशस्वी खेमानी और मोहम्मद आमिर खान ने विकसित किया है.

ये भी पढ़ेंः टीम सिलेक्शन से 1 घंटे पहले बताया गया कि मैं कप्तान नहीं हूं: विराट कोहली

ऐसे करेगा जांच
मिट्टी में मौजूद मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का पता लगाने के लिए पोर्टेबल और वायरलेस मिट्टी परीक्षण उपकरण को केवल पांच ग्राम सूखी छनी हुई मिट्टी के नमूने की आवश्यकता होती है. 5 सेमी लंबे बेलनाकार आकार के उपकरण में मिट्टी डालने के बाद यह ब्लूटूथ से मोबाइल से जोड़ा जाता है और 90 सेकंड के लिए मिट्टी का विश्लेषण करना शुरू कर देता है. विश्लेषण के बाद, परिणाम स्क्रीन पर मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट के रूप में दिखाई देने लगता है. यूनिक आईडी के साथ भू परीक्षक क्लाउड सेवा पर उपलब्ध है.

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कानपुरः आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के लिए खास तरह का एप तैयार किया है. एम्बेडेड मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए यह महज 90 सेकेंड में यह जानकारी जुटा लेगा. इससे किसान खेती को और उन्नत कर उत्पादन बढ़ा सकेंगे. आईआईटी कानपुर की ओर से यह एप एग्रो नेक्स्ट कंपनी को हस्तांतरित किया गया है. जल्द ही यह एप किसानों के लिए उपलब्ध होगा.

आईआईटी के मुताबिक यह एप इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक पर आधारित है. यह Google Play Store पर भू परीक्षक एप नामक एक एम्बेडेड मोबाइल एप्लिकेशन के नाम से उपलब्ध है.

आईआईटी कानपुर की ओर से दी गई यह जानकारी.

इस डिवाइस से मिट्टी के छह महत्वपूर्ण मापदंडों नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, कार्बनिक कार्बन, मिट्टी की सामग्री और कैटीअन एक्सचेंज कपैसिटी का पता लगा सकते हैं. साथ ही यह खेती के लिए आवश्यक उर्वरकों की मात्रा के बारे में भी सिफारिश करता है. यह एप स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है. इस कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी इस्तेमाल कर सकता है. यह उपकरण एक लाख मृदा परीक्षण के नमूने ले सकता है.

इस एप और डिवाइस को लेकर आईआईटी कानपुर का एग्रो नेक्सट कंपनी से समझौता हुआ है. जल्द ही यह बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध होगा. एमओयू के दौरान आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, एग्रोनेक्स्ट सर्विसेज के निदेशक रजत वर्धन, प्रो अमिताभ बंद्योपाध्याय, प्रो एआर हरीश और रवि पांडेय आदि मौजूद रहे.



आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के मुताबिक इस एप की मदद से किसान पल भर में मिट्टी की सेहत जांच सकेंगे. इसे केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो जयंत कुमार सिंह, श्री पल्लव प्रिंस, श्री अशर अहमद, श्री यशस्वी खेमानी और मोहम्मद आमिर खान ने विकसित किया है.

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ऐसे करेगा जांच
मिट्टी में मौजूद मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का पता लगाने के लिए पोर्टेबल और वायरलेस मिट्टी परीक्षण उपकरण को केवल पांच ग्राम सूखी छनी हुई मिट्टी के नमूने की आवश्यकता होती है. 5 सेमी लंबे बेलनाकार आकार के उपकरण में मिट्टी डालने के बाद यह ब्लूटूथ से मोबाइल से जोड़ा जाता है और 90 सेकंड के लिए मिट्टी का विश्लेषण करना शुरू कर देता है. विश्लेषण के बाद, परिणाम स्क्रीन पर मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट के रूप में दिखाई देने लगता है. यूनिक आईडी के साथ भू परीक्षक क्लाउड सेवा पर उपलब्ध है.

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